भरतपुर. बीते दिनों आरजीएचएस की टीम ने निरीक्षण किया था. पड़ताल में दोनों चिकित्सकों के फर्जीवाड़े साबित हुए (RGHS Fraud case ). जिसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव ने आदेश जारी कर दोनों चिकित्सकों को एपीओ कर दिया. आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि इन चिकित्सकों को मेडिकल स्टोर से मिलीभगत कर आरजीएचएस स्कीम में फर्जीवाड़ा कर राजकोष को हानि पहुंचाने के कारण तुरंत प्रभाव से आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (ग्रुप-2) की संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता ने आदेश जारी कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बयाना के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ दौलत राम धाकड़ और आरबीएम जिला अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ राजवीर सिंह को एपीओ कर दिया. दोनों चिकित्सकों का मुख्यालय निदेशक जन स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर कार्यालय किया गया है.
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सभी पर्चों पर एक ही चिकित्सक के हस्ताक्षर-बीते दिनों आरजीएचएस टीम ने शहर में जगह-जगह छापे मारे, Inspection किया गया. निरीक्षण के दौरान सामने आया कि शहर के जयपुर आगरा हाईवे स्थित बालाजी हॉस्पिटल में सभी प्रिसक्रिप्शन पर एक ही चिकित्सक डॉ राजवीर सिंह के हस्ताक्षर थे. ज्यादातर मरीजों को एक ही इंजेक्शन लगाया गया था. बड़ी-बड़ी राशि के बिल तैयार किए गए थे.
साथ ही आरजीएचएस टीम ने कृष्णा नगर स्थित रश्मि मेडिकल एवं जनरल स्टोर का भी निरीक्षण किया. यहां पर क्लीनिक का संचालन होता पाया गया. इतना ही नहीं आरजीएचएस टीम के निरीक्षण और छापामारी के बाद बालाजी अस्पताल में मरीजों को आरजीएचएस स्कीम के तहत उपचार करने से भी मना किया जा रहा था. निरीक्षण और जांच रिपोर्ट के बाद संयुक्त शासन सचिव ने आदेश जारी कर दोनों चिकित्सकों को एपीओ कर दिया. शहर में अभी भी कई अस्पताल ऐसे हैं जो आरजीएचएस स्कीम के तहत मरीजों को भर्ती करने और उपचार करने से मना कर रहे हैं.