भरतपुर. जिले के नगरी कस्बे में दो साल पहले शुरू हुए राजकीय महाविद्यालय में अब तक ना तो शौचालय की व्यवस्था हो पाई है और ना ही पीने के पानी की. हालात ये हैं कि उधारी के जिस भवन में महाविद्यालय संचालित हो रहा है, उसके करीब तीन कमरे पूरी तरह से जर्जर स्थिति में हैं. वहीं, महाविद्यालय में तीन विषयों को पढ़ाने के लिए एक भी व्याख्याता नहीं है. ऐसे में विद्यार्थियों को विषयों की पढ़ाई में परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है.
महाविद्यालय में स्नातक में हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, इतिहास, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान और ड्राइंग एंड पेंटिंग विषय है. इनमें से अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान के साथ ही ड्राइंग एंड पेंटिंग विषय को पढ़ाने के लिए एक भी व्याख्याता उपलब्ध नहीं है.
पढ़ें:स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी के ऐतिहासिक दरवाजे खोते जा रहे अपना अस्तित्व, कोई जर्जर तो किसी पर अतिक्रमण
महाविद्यालय के जिम्मेदारों का कहना है कि वो महाविद्यालय का संचालन बड़ी मुश्किल से कर पा रहे हैं. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि पिछले साल अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान के साथ ही ड्राइंग एंड पेंटिंग विषय को पढ़ाने के लिए एमएसजे कॉलेज और आरडी गर्ल्स कॉलेज से डेपुटेशन पर व्याख्याता लगाए गए थे, जिसके चलते तीनों विषयों का परिणाम काफी अच्छा रहा था. लेकिन, इस बार इन तीनों विषयों का एक भी व्याख्याता उपलब्ध नहीं है और ना ही डेपुटेशन पर किसी को लगाया गया है. ऐसे में विद्यार्थियों को तीनों विषयों की पढ़ाई पूरी करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.