अनिरुद्ध सिंह ने किया महापंचायत का ऐलान भरतपुर. नदबई के मूर्ति विवाद मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने महापंचायत का ऐलान कर दिया है. ट्विटर पर वीडियो जारी कर अनिरुद्ध सिंह ने बताया है कि जल्द ही मोती महल परिसर में समाज की महापंचायत आयोजित की जाएगी. महापंचायत में अनिरुद्ध सिंह की मां और पूर्व सांसद व विधायक दिव्या सिंह भी मौजूद रहेंगी. अनिरुद्ध सिंह ने यह भी वादा किया है कि अगर समाज उनके द्वारा बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की तस्वीर स्थापित करने के कार्य को गलत ठहराएगा, तो उनकी मां दिव्या सिंह खुद अपनी गाड़ी से उन्हें पुलिस के हवाले कर के आएंगी.
अनिरुद्ध सिंह ने ट्विटर पर जारी किए 6.41 मिनट के वीडियो में बताया है कि बैलारा क्षेत्र के लोगों की बीते साढ़े 4 साल से मांग थी कि चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति स्थापित की जाए. लेकिन उस पर किसी ने गौर नहीं किया और ना ही सुनवाई की. स्थानीय विधायक पर निशाना साधते हुए अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अचानक से उन्होंने जनता से राय मशवरा और सहमति लिए बिना वहां पर अन्य महापुरुष (डॉ. भीमराव अंबेडकर) की मूर्ति स्थापित करने का फैसला कर लिया. इसके माध्यम से कांग्रेसी और स्थानीय विधायक वहां की जनता में फूट डालकर राज करना चाहते थे.
अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि 13 अप्रैल को हमने बिना किसी हंगामे और अशांति फैलाए बिना शांतिपूर्ण तरीके से बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की तस्वीर स्थापित की थी. इस दौरान न तो किसी के खिलाफ नारेबाजी हुई और न ही किसी के खिलाफ कोई नकारात्मक बात बोली गई, न ही किसी महापुरुष के बारे में कोई बयान दिया गया. उस समय सिर्फ महाराजा सूरजमल और जय श्रीराम के नारे लग रहे थे, क्या यह पाप है.
उसके बाद अशांति फैलाने के मामले में नदबई थाने में बंद लोगों से मिलने मैं खुद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के साथ गया था. वो मुझे मुलाकात कराने के बाद बाहर तक छोड़ने भी आए. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अगर मैंने कोई नियम विरुद्ध कार्य किया था तो पुलिस को मुझे उसी समय रोकना चाहिए था.
कई नेता असुरक्षित महसूस करने लगे : अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इस घटना के बाद क्षेत्र के कई नेता खुद को असुरक्षित महसूस करने लग गए. उनकी 'इमारतों' की नींव हिलने लगी. उसके बाद उन्होंने कांग्रेस और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर षडयंत्र रचा. अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि षड्यंत्र के तहत मेरे और मेरी टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बहुत दुख की बात है कि महाराजा सूरजमल की धरती पर उनके संस्थापक की तस्वीर शांतिपूर्वक तरीके से स्थापित करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करने की सोची.
कुछ दिन में महापंचायत : अनिरुद्ध सिंह ने वीडियो में कहा कि यह समाज का मामला है इसे हल्के में नहीं लेना. इसलिए मैंने और मेरी मां दिव्या सिंह ने मिलकर यह फैसला लिया है कि हम कुछ दिन में मोती महल परिसर में समाज की महापंचायत आयोजित करेंगे. उस महापंचायत में समाज यह फैसला करेगा कि मैंने जो कदम उठाया है वह सही है या गलत है. अगर समाज मेरे द्वारा महाराजा सूरजमल की तस्वीर स्थापित करने के कदम को गलत ठहराता है, तो मेरी मां दिव्या सिंह खुद अपनी गाड़ी से मुझे नदबई थाना प्रभारी के हवाले करके आएंगी.
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बता दें कि नदबई के बैलारा चौराहे पर नगर पालिका की बैठक में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने का निर्णय लिया गया. लेकिन स्थानीय लोगों की मांग थी कि उस जगह पर भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाए. इस बात को लेकर क्षेत्रवासियों ने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन भी किया था. बाद में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और जिला प्रशासन की समझाइश के बाद निर्णय लिया गया कि बैलारा चौराहे पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, डेहरा मोड़ पुलिस चौकी के पास और कुम्हेर रोड पर महाराजा सूरजमल, नगर रोड पर भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित की जाएगी. लेकिन इस निर्णय से स्थानीय लोग भड़क गए और 12 अप्रैल की रात को बैलारा चौराहे पर आगजनी और पथराव की घटना हो गई. अगले दिन 13 अप्रैल को अनिरुद्ध सिंह नदरई पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ बैलारा चौराहे पर भूमि पूजन कर महाराजा सूरजमल की तस्वीर स्थापित करके आ गए. इस घटना के बाद पुलिस ने अनिरुद्ध सिंह और करीब ढाई सौ लोगों के खिलाफ नदबई थाने में मामला दर्ज कर लिया.