भरतपुर.राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भरतपुर के लाल को राजस्थान का सरदार बनने का मौका मिला है. 43 साल बाद एक बार फिर भरतपुर का बेटा राजस्थान का मुख्यमंत्री बना है. भजनलाल से पहले 1980 में भरतपुर के ही जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद से भरतपुर के कई नेता मंत्री, राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री तो बने लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ पाए.
राजस्थान के नए सीएम होंगे भजनलाल शर्मा अब 43 साल बाद एक बार फिर से भरतपुर के किसान परिवार के भजनलाल शर्मा को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली है. पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग से वर्ष 1980 में जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे. जगन्नाथ पहाड़िया 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक 13 माह तक मुख्यमंत्री रहे. वहीं अलवर जिले के तिजारा विधानसभा से विधायक बरकतुल्लाह खान भी 9 जुलाई 1971 से 11 अक्टूबर 1973 तक मुख्यमंत्री रहे.
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सरपंच से मुख्यमंत्री तक का सफर: राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजनीति में 35 सालों से सक्रिय हैं. नदबई तहसील के गांव अटारी में किसान कृष्ण लाल शर्मा के घर जन्मे भजनलाल शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हासिल की. माध्यमिक शिक्षा की पढ़ाई के लिए नदबई कस्बा आए और यहीं पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संपर्क में आ गए. एबीवीपी के सक्रिय कार्यकर्ता रहते हुए इकाई अध्यक्ष नदबई, इकाई प्रमुख नदबई, सह जिला संयोजक भरतपुर, कॉलेज इकाई प्रमुख भरतपुर, सह जिला प्रमुख भरतपुर रहे. एबीवीपी के 1990 में कश्मीर मार्च में 100 कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर तक मार्च कर भजनलाल शर्मा ने गिरफ्तारी दी. साल 1992 में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में वो जेल भी गए. वर्ष 1991 से 92 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की उन्हें जिम्मेदारी मिली. वर्ष 2000 में भजनलाल शर्मा महज 27 वर्ष की आयु में ग्राम अटारी के सरपंच बने.
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हो गई थी जमानत जब्त: नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा वर्ष 2003 में नदबई विधानसभा से राजस्थान सामाजिक न्याय मंच से चुनाव लड़े थे. उस समय भजनलाल शर्मा को जनता का कोई खास समर्थन नहीं मिल पाया और सिर्फ 5969 वोट (6.28%) लेकर पांचवें स्थान पर रहे थे. यहां तक कि उस चुनाव में भजनलाल शर्मा की जमानत जब्त हो गई थी.