भरतपुर. कोरोना संक्रमण से पूरा विश्व परेशान है. इसके उपचार के लिए ना केवल भारत बल्कि दुनिया के सभी देश दवाई तैयार करने में जुटे हुए हैं. लेकिन इन सारे हालातों के बीच भरतपुर में एक सुखद परिणाम सामने आया है. भरतपुर के आयुष विभाग के अधिकारियों का दावा है कि उनके द्वारा तैयार किया गया काढ़ा, कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में काफी कारगर सिद्ध हो रहा है. इतना ही नहीं कोविड केयर सेंटर पर मरीजों को नियमित रूप से कराए जाने वाला योगाभ्यास भी काफी मददगार साबित हो रहा है.
विभागीय अधिकारियों की मानें तो बीते 2 माह में इस आयुर्वेदिक काढ़े के सेवन से अब तक 487 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. ईटीवी भारत में आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में बात की तो आयुर्वेदिक काढ़े के कई औषधीय गुणों के बारे में जानकारी मिली.
विभाग के सहायक निदेशक डॉ. संजीव तिवारी ने बताया कि आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देश के बाद भरतपुर के आयुर्वेद विभाग के चिकित्सकों ने कई औषधियों से मिलाकर आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार किया. इस काढ़े का कोविड केयर सेंटर और आरबीएम अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को 24 अप्रैल से नियमित रूप से सेवन करवाया जा रहा है. अब तक इस काढ़े के सेवन से काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं. डॉ. संजीव तिवारी ने बताया कि जून और जुलाई महीने में करीब 487 कोरोना संक्रमित मरीज सिर्फ काढ़े का सेवन करके और योगा से स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.
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5 दिन में 69% मरीज स्वस्थ
टीम प्रभारी डॉ. चंद्र प्रकाश दीक्षित का दावा है कि भरतपुर के कोविड केयर सेंटर त्रिरत्न अंबेडकर प्रशिक्षण छात्रावास भरतपुर एवं अनुसूचित महिला छात्रावास पुष्प वाटिका कॉलोनी में कुल 234 कोरोना संक्रमित मरीज पंजीकृत हुए. इनमें से 29 मरीज सिर्फ 4 दिन में, 109 मरीज 7 दिन में एवं 94 मरीज 10 से 15 दिन में स्वस्थ होकर घर लौट गए. इनमें से 2 मरीजों को आरबीएम अस्पताल रेफर करना पड़ा.
इसी प्रकार जुलाई में महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में जुलाई माह के दौरान कुल 255 कोरोना संक्रमित मरीज पंजीकृत हुए, जिनमें से 176 मरीज (69.01%) काढ़े का सेवन कर और नियमित योगा कर के सिर्फ 5 दिन में स्वस्थ हो गए. बाकी 79 मरीज 10 से 15 दिन में स्वस्थ हो गए. यानी इन मरीजों को पूरी तरह से आयुर्वेदिक काढ़ा एवं योगा कराया गया. इनको किसी प्रकार की एलोपैथिक दवाई नहीं दी गई.