भरतपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में भरतपुर के 23 निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सोमवार को सरकार की चिरंजीवी और RGHS योजनाओं का बहिष्कार कर दिया. इस बाबत चिकित्सकों की ओर से मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. साथ ही कहा गया कि जब सरकार उनकी बातों को सुन ही नहीं रही है तो वो भी सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार व योजना के तहत उपचार भला क्यों करें?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भरतपुर के अध्यक्ष डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि भरतपुर शहर के 23 निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सीएमएचओ डॉ. लक्ष्मण सिंह को ज्ञापन सौंपकर सरकार की चिरंजीवी और आरजीएचएस योजना को सरेंडर कर दिया है. अब शहर के ये चिकित्सालय सरकार की इन योजनाओं के तहत मरीजों का उपचार नहीं करेंगे.
डॉ. कमलेश ने बताया कि सरकार जबरदस्ती राइट टू हेल्थ बिल को निजी चिकित्सालयों पर थोप रही है. यह बिल न तो मरीज के हित में है और न चिकित्सकों के निजी चिकित्सालय के चिकित्सक बीते कई दिनों से इस बिल का विरोध भी कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में जब सरकार निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों की मांगों को मानने को तैयार ही नहीं है तो वो भी भला सरकार की इन योजनाओं के तहत उपचार क्यों करें. यही वजह है कि भरतपुर के निजी चिकित्सालयों ने सरकार की इन दोनों योजनाओं को सरेंडर कर दिया है.