कामां (भरतपुर). पुलिस ने ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले दो ठगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से करीब 8 लाख रुपए, 3 मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. आरोपी नाकाबंदी के दौरान नकदी के साथ पकड़े गए हैं.
दरअसल, कामां थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश की धिलावटी पुलिस चौकी पर नाकाबंदी के दौरान बोलेरो गाड़ी में सवार दो महिला सहित दो ऑनलाइन सेक्स चैट के ठगों को रोका. उनकी गाड़ी को पुलिसकर्मियों ने चेक करने का प्रयास किया, तो महिलाओं ने बैग को चैक नहीं करने दिया. इससे पुलिस को शक हुआ. कामां थाने से महिला पुलिसकर्मी बुलाकर दोनों महिलाओं सहित दोनों ठगों को कामां थाने पर ले जाया गया. पूछताछ में आरोपियों ने राज उगल दिया.
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कामां थानाधिकारी रामकिशन ने बताया कि नाकाबंदी के दौरान पकड़े गए आरोपी अरशद पुत्र पप्पू और पप्पू पुत्र मोहम्मद के मोबाइल फोन की जांच की गई, तो उनमें बिजनेस व्हाट्सएप बना हुआ था. जिस पर एक लड़की की डीपी लगी हुई थी. व्हाट्सएप के जरिए अश्लील वीडियो से सेक्स चैट कर भोले-भाले लोगों को दुष्कर्म के मामले में फंसाने का भय दिखाकर उनसे भारी रकम की ठगी करते थे. दोनों आरोपियों से 7 लाख 95 हजार 500 रुपए, 4 मोबाइल फोन सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.
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रिश्तेदारों के साथ मिलकर करते थे ठगी: कामां थाने के एएसआई जांच अधिकारी हरिओम सिंह ने बताया कि सारुप पुत्र हाकम, आरिफ पुत्र शौकत, आसिफ पुत्र हाकम, राशिद पुत्र ईसब, शब्बीर पुत्र मिहरु निवासी टायरा सहित अन्य कई लोगों के साथ मिलकर पिता-पुत्र पप्पू और अरशद ठगी का कार्य करते थे. टायरा गांव निवासी लोग आरोपियों के रिश्तेदार हैं. इसक चलते वे अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर लोगों से ठगी करते थे. पिता-पुत्र अपने हिस्से में आए 8 लाख रुपए लेकर कामां के टायरा गांव से उत्तर प्रदेश अपने गांव टप्पल जा रहे थे. पूर्व में भी वे इसी तरह पैसा घर ले जा चुके हैं.
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बदमाशों ने पुलिस को गुमराह करने के अनेकों प्रयास किए. ठगों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उनके पास मौजूद पैसा अपने खेत को बेचने से आया है. ये पैसे वे इलाज कराने के लिए लाए गए हैं. लेकिन पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पूछताछ की, तो आखिरकार बदमाशों की पूरी पोल खुल गई. दो दिन की कड़ी पूछताछ के बाद पुलिस ने खुलासा किया. आरोपी किराए पर गाड़ी लेकर उसमें बीमार व्यक्ति या महिलाओं को अपने साथ ले जाते थे, जिससे उन पर कोई शक नहीं करें और ठगी के पैसे बिना परेशानी के ले जाए जा सकें.