बाड़मेर. जिले में इन दिनों व्हाट्सएप पर बनाया एक ग्रुप सुर्खियों में है. ये ग्रुप गरीब, असहाय और कैंसर पीड़ितों की मदद कर रहा (Yuva Chaupal group helping needy in Barmer) है. इस ग्रुप के जरिए अब तक 52 लाख रुपए की सहायता जरूरतमंदों को की जा चुकी है. इसमें बीजेपी, कांग्रेस, आरएलपी नेताओं सहित युवा व सामाजिक कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं.
4 साल पहले व्हाट्सएप पर बनाए गए चौपाल युवा ग्रुप के जरिए सैकड़ों गरीब व असहाय लोगों की 52 लाख रुपए की सहायता की गई है. कैंसर पीड़ितों के इलाज में भी इस ग्रुप की बड़ी भूमिका रही है. इस ग्रुप में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी से लेकर पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, आरएलपी के उम्मेदाराम बेनीवाल, वकील, बिजनेसमैन सहित 200 लोग सदस्य के रूप में जुड़कर सालाना आर्थिक सहयोग कर रहे हैं.
युवा चौपाल व्हाट्सएप ग्रुप कर रहा जरूरतमंदों की मदद... पढ़ें:ढलती उम्र में पहाड़ को चुनौती दे रहा महिलाओं का ये ग्रुप, यहां नौजवानों के हौसले भी हो जाते हैं पस्त
युवा चौपाल ग्रुप के अध्यक्ष एडवोकेट डालूराम चौधरी ने बताया कि 4 साल पहले जरूरतमंद लोगों को कैंसर समेत गंभीर बीमारी के रोगियों की मदद के उद्देश्य से व्हाट्सएप पर युवा चौपाल नाम से एक ग्रुप बनाया था. कुछ सदस्यों से इस ग्रुप की शुरुआत हुई थी और उसके बाद धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए. अग्नि पीड़ित की मदद के साथ इस ग्रुप की शुरूआत हुई. उसके बाद कैंसर समेत गंभीर बीमारियों के रोगियों की सहायता करने के साथ ही अब शिक्षा के क्षेत्र में भी गरीब जरूरतमंद बच्चों की मदद की शुरुआत इस साल से की है. अभी तक 4 बच्चों को 25-25 हजार रुपए के चेक दिए गए हैं.
पढ़ें:डूंगरपुर: एमएमबी ग्रुप ने की गरीब परिवारों की मदद, बांटे एक महीने के राशन
चौधरी ने बताया कि हमारे इस ग्रुप में मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, आरएलपी के उम्मेदाराम बेनीवाल, जिला प्रमुख से लेकर आरपीएस, आरएएस, इंजीनियर व एनआरआई, वकील, डॉक्टर, ठेकेदार आदि सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं. नियम यह है कि ग्रुप का उद्देश्य ऐसे निर्धन परिवारों की मदद करना है, जो संकट में हैं. हर सदस्य को 6 से 12 हजार रुपए का सालाना अंशदान जमा करवाना जरूरी होता है. सभी सदस्य सीधे बैंक में अंशदान जमा करवाते हैं और फिर चेक के जरिए ही जरूरतमंद की मदद की जाती है.
ग्रुप के सदस्य लाखाराम जाखड़ ने बताया कि कैंसर बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ अब शिक्षा के क्षेत्र में भी गरीब जरूरतमंद बच्चों की मदद की दिशा में काम शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि गरीब, असहाय व गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों की जानकारी मिलने पर ग्रुप के जरिए ही गरीब व्यक्ति का प्रस्ताव लिया जाता है. एक टीम गरीब परिवार के घर पहुंचती है और उसे वेरिफाई करने के बाद फिर चेक के जरिए ही जरूरतमंद की मदद की जाती है. 4 साल पहले बने इस ग्रुप के जरिए सैकड़ों जरूरतमंद लोगों में अब तक 52 लाख रुपए की सहायता दी गई.
पढ़ें:जयपुर: इस गांव में शिक्षकों को मिला ग्रामीणों का साथ, सरकारी स्कूल में नामांकन के लिए बढ़ाया हाथ...Social Media पर चलाई मुहिम
ग्रुप से जुड़े नरेश देव सारण ने बताया कि इस ग्रुप से जुड़कर सामाजिक सरोकार को लेकर कार्य कर रहे हैं. इस ग्रुप के माध्यम से वास्तविक जरूरतमंद लोगों की मदद की जा रही है. इस बात की हमें बेहद खुशी है कि हम भी इस ग्रुप के सदस्य हैं.