सिवाना (बाड़मेर).उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज (संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार) के सहयोग से उपखंड के मोतीसरा गांव में पांच दिवसीय जत्था गैर लोकनृत्य कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यशाला 9 से 13 जुलाई तक होगी.
उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज (इलाहाबाद) के निदेशक इन्द्रजीत ग्रोवर के निर्देशानुसार लोक पर्व-लोक स्वर कार्यशाला प्रभारी शील द्विवेदी और बाड़मेर जिले के मोतीसरा गांव के प्रख्यात गैर प्रशिक्षक तगाराम मेघवाल के मार्गदर्शन में जत्था गैर नृत्य का हुनर सीख रहे है.
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गैर नर्तक तगाराम मेघवाल ने बताया कि कार्यशाला का आयोजन सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के सन्दर्भ में निर्देशित मानकों के अनुसार किया जा रहा है. जिसमें क्षेत्रीय नव युवकों को जत्था गैर लोकनृत्य कला का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
वहीं, चौथे दिन स्थानीय प्रतिभागी ने लोक नर्तकों में बढ़-चढ़कर भाग लिया. जत्था गैर लोकनृत्य कार्यशाला में रविवार को ढोल की थाप और थाली की मधुर टंकार से मोहित होकर थिरकते गैर नर्तक और गुंजती डांडियों की खनक से उत्साह का माहौल देखने को मिला.
एनसीजेडसीसी प्रयागराज की सराहनीय पहल...
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार का केंद्र उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज के अन्तर्गत उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली राज्यों में इन दिनों कलाकारों के सहायतार्थ, युवाओं और आमजन में अपनी संस्कृति की रुचि पैदा करने हेतु लोक पर्व-लोक स्वर कार्यशालाएं हो रही है. जिसमें राजस्थान के बाड़मेर जिले के मोतीसरा गांव गैर नृत्य भी शामिल है. गैर नृत्य का संरक्षण संवर्धन करने हेतु प्रयागराज केंद्र निदेशक इन्द्रजीत सिंह ग्रोवर की सराहनीय पहल देखने को मिल रही है.
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वहीं, रविवार को भी सिवाना क्षेत्र के मोतीसरा गांव के केराली जोगमाया मंदिर प्रांगण में जत्था गैर नृत्यकला कार्यशाला राजस्थान के प्रतिभागियों द्वारा गैर नृत्य के गुर सीखे जा रहे हैं. इस दौरान भंवरलाल, किशनाराम, चेलाराम, दिनेश भूरीया, छतराराम काग, रमेश, गोपाराम, निर्मल कुमार, छतराराम तरक, खीमाराम, हितेश सोनी, करण, रविन्द्र, धन्नाराम, गजेन्द्र, धिरेन्द्र, जसपाल, भगाराम, चंदन सिंह, घेवरराम, नारायण देवासी, रणजीत, पोकरराम, प्रवीण, मोहनलाल, कैलाश, जेठाराम, सहीत प्रशिक्षणार्थियों ने उत्साह से कार्यशाला में भाग लिया.