बाड़मेर.जिले में घर में घुसकर विवाहिता के साथ दुष्कर्म कर उसे जिंदा जलाने का मामला सामने आया है. विवाहिता ने शुक्रवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. घटना के बाद से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है. पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट बालोतरा के समक्ष पेश किया. इस पर कोर्ट आरोपी को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.
पचपदरा थानाधिकारी राजेंद्र सिंह चारण ने बताया कि पचपदरा थाना इलाके में पड़ोसी युवक ने विवाहिता के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद आरोपी ने विवाहिता पर थिनर डाला कर आग लग दिया और फरार हो गया. महिला की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए और उसे बालोतरा अस्पताल में भर्ती करवाया. चिकित्सकों ने अनुसार विवाहिता 80 से 90 फीसदी जल चुकी थी.
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उन्होंने बताया कि विवाहिता की हालत गंभीर होने के कारण शुक्रवार को उसे जोधपुर रेफर किया गया था. यहां विवाहिता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच की जा रही है. विवाहिता 4 बच्चों की मां थी. इस मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
नेता प्रतिपक्ष, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने भी किया ट्वीट : गहलोत सरकार पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया और लिखा- बाड़मेर के बालोतरा में महिला से दुष्कर्म के बाद उसे जलाने की घटना गहलोत के जंगलराज को दर्शाता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो राजस्थान के गृह विभाग के मुखिया भी है, वह राज्य की लचर कानून व्यवस्था के लिए पूर्णतया जिम्मेदार है.
वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने ट्वीट किया है. उन्होंने इस मामले में जल्द दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और लिखा- प्रदेश कांग्रेस के कुशासन में व्याप्त यह जंगलराज आज प्रदेश के हर आमजन के लिए श्राप बन चुका है और गृहमंत्री का पद लिए बैठे गहलोत ने प्रदेश की कानून व्यवस्था से आंख मूंद लीं है.
परिजनों ने शव से किया इनकार
पीड़िता का पति मजदूरी करता है. उसकी दो बेटियां और दो बेटे हैं. परिवार आर्थिक रूप से भी कमजोर है. इस घटना से 4 मासूम बच्चों के सिर से मां साया उठ गया है. घटना के बाद से घर में बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजन और समाज के लोग पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. मांग पूरी नहीं होने तक परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया है. शव अभी भी जोधपुर अस्पताल की मोर्चरी में रखा है.