राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

हस्तशिल्प कला को नई पहचान देने वाले बाड़मेर के मोडाराम को नेशनल अवार्ड से सम्मानित करेगी भारत सरकार - हस्तशिल्प कला

मास्टर ट्रेनर बुनकर मोडाराम मेघवाल नेशनल मेरिट अवार्ड 2017 से सम्मानित होंगे. मोडाराम का पूरा परिवार पारंपरिक रूप से हस्तशिल्प कला के काम में जुटा हुआ है. इनके बेटे को भी राज्य सरकार सम्मानित कर चुकी है.

barmer news, Weaver Modaram of Barmer, बाड़मेर न्यूज, हस्तशिल्प कला

By

Published : Oct 18, 2019, 7:37 PM IST

बाड़मेर.जिले की हस्तशिल्प कला को नई पहचान देने और परंपरागत पट्टू निर्माण को संरक्षण के लिए भारत सरकार ने सरहदी क्षेत्र के बुनकर मोडाराम को 2017 का राष्ट्रीय मेरिट अवार्ड देने की घोषणा की है. वहीं, 2017 में राज्य सरकार ने मोडाराम के पुत्र गोविंद मेघवाल को भी सम्मानित किया था.

बता दें कि मोडाराम ने नेशनल मेरिट अवार्ड के लिए हस्तशिल्प कला से निर्मित 33 दिनों में तैयार किए हुए पट्टू को भेजा था. ऑस्ट्रेलियन ऊन से बने इस पट्टू की लागत करीबन 60 हजार रूपए थी. वहीं इसका 2.200 किग्रा वजन था. ऑस्ट्रेलियन ऊन को 31 प्रति किलो के भाव से खरीद पट्टू बनाया जाता है.

बाड़मेर के मोडाराम होंगे नेशनल अवार्ड से सम्मानित

यह भी पढे़ं. अब आवार पशुओं के आतंक से मिलेगी निजात...बाड़मेर नगर निगम ने बनाई ये रणनीति

पारंपरिक बुनाई कला अब देश और प्रदेश में बाड़मेर की एक नई पहचान बना रही है. पट्टू बुनकर जो अधिकांश अनपढ़ या अल्प शिक्षित हैं, वह हर सीमाओं से परे जाकर राष्ट्रीय गौरव हासिल कर रहे हैं, जो प्रेरणादायी है. पिछले 45 सालों से मोडाराम का परिवार स्थानीय हस्तशिल्प कला को ना केवल प्रोत्साहित कर रहे हैं बल्कि उनके संरक्षण में मोडाराम का परिवार जुड़ा हुआ है. जिले के धनु ग्राम पंचायत के राजस्व गांव मीठड़ी नदी निवासी मोडाराम हथकरघा बुनकर कला में यह मुकाम हासिल किया है.

यह भी पढे़ं. करवा चौथ 2019ः जिला अस्पताल में भर्ती मरीज महिलाओं को #Without Replacement चढ़ाया जा रहा रक्त

उन्होंने करीब 130 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देकर इस कला में निपुण बनाया है. अकेले मोडाराम ही नहीं बल्कि इनका पूरा परिवार पारंपरिक रूप से हस्तशिल्प कला के इस काम में जुटा हुआ है. मोडाराम के पुत्र गोविंद मेघवाल को पट्टू निर्माण में 2017 में राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. मोडाराम और उनके बेटे बुनाई का कार्य करते हैं तो मोडाराम की पत्नी कमला मेघवाल कतई के कार्य में इनकी मदद करती हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details