बाड़मेर.कोरोना संक्रमण से पूर्ण बंदी के चौथे दौर में प्रवेश के साथ ही राजस्थान देश भर में पांचवें स्थान पर बना हुआ है. राजस्थान गर्मी आने के साथ ही यहां पानी की समस्या भी लोगों को परेशान करने लगी है. जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित असाडो की बेरी गांव के निवासी बाबूलाल बताते हैं कि पानी की समस्या हमारे यहां आम बात है. लेकिन हर बार मई के महीने में सरकार की ओर से कुछ पानी के टैंकर की व्यवस्था हो जाती है लेकिन इस बार कुछ भी नहीं हुआ है.
आलम यह है कि पानी की जो पाइप लाइनें हैं उसमें 8 से 10 दिन में पानी आ रहा है जिसके चलते इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की हालत भी खराब है. बाबूलाल कहते हैं, हम लोग मजबूरन पीने के लिए पानी टैंकर 500 से 700 रुपए देकर डलवा रहे हैं.
इसी गांव के बुजुर्ग तेजाराम बताते हैं कि मई के महीने में जिस तरीके से गर्मी पड़ रही है ऐसे में पानी सबसे ज्यादा जरूरी है. लेकिन गांव में पानी के लिए सरकार की ओर से कोई इंतजाम नहीं है. वोट मांगने के लिए तो नेता आ जाते हैं लेकिन अब पानी के लिए कोई जवाब देने को भी तैयार नहीं है.
पानी की किल्लत से परेशान लोग:
कोविड-19 के दौरान बाड़मेर शहर के पास कच्ची-बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए पानी की कीमत यह है बताते हुए लोग कहते हैं, ना हाथ धोने के लिए और ना पीने के लिए पानी है. सरकार की ओर से पानी के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. गवरी बताती है कि पानी महंगे दामों में खरीद रहे हैं लेकिन कोई भी सरकार की ओर से राहत नहीं है.
पास में ही खड़े एक युवक जिसका नाम पप्पू है. पप्पू कहते हैं कि सरकार कहती है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए बार-बार हाथ धोना है, लेकिन यहां तो पानी की एक-एक बूंद पीने के लिए नहीं है तो हाथ कैसे धुलें.