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बाड़मेर: दूषित पानी से परेशान ग्रामीणों ने विधायक के नेतृत्व में कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - विधायक मेवाराम जैन

बाड़मेर के ग्राम पंचायत विशाला आगोर के ग्रामीणों ने कलेक्टर विश्राम मीणा को ज्ञापन सौंपकर सोनड़ी माइंस से निकलने वाले दूषित पानी से स्थानीय ग्रामीणों को निजात दिलाने की मांग की है. इस दौरान विधायक मेवाराम जैन भी ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे.

Barmer news, Villagers submitted memorandum
दूषित पानी से परेशान ग्रामीणों ने विधायक के नेतृत्व में कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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Published : Apr 7, 2021, 9:52 PM IST

बाड़मेर. जिले के ग्राम पंचायत विशाला आगोर के ग्रामीणों ने बुधवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा को ज्ञापन सौंपकर सोनड़ी माइंस से निकलने वाले दूषित पानी से स्थानीय ग्रामीणों को निजात दिलाने की मांग की है. इस दौरान विधायक मेवाराम जैन भी ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे. दरसअल सोनड़ी माइंस से निकलने वाले दूषित पानी से परेशान ग्राम पंचायत विशाला, विशाला आगोर और माइंस के आसपास के ग्रामीणों ने बुधवार को जिला कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बया करते हुए ज्ञापन भी सौंपा.

बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों का आरोप है कि आरएसएमएम की सोनड़ी माइंस में कोयले की खदान है. खदान की खुदाई के दौरान भूमि ताल से पानी का रिसाव होता है और खान में पानी भर जाता है. ऐसे में कम्पनी इस पानी को एक स्टोरेज में स्टोर करती है और बारिश के मौसम के दौरान इस दूषित पानी को बरसाती पानी के बहाव के साथ छोड़ दिया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि कम्पनी द्वारा छोड़े जाने वाले इस दूषित पानी ने माइंस के आसपास के खेत, गोचर और ओरण भूमि काफी प्रभावित हो रही है, इससे किसानों के खेत बंजर होने के साथ ओरण और गोचर भूमि में भी लवणीय पानी की मात्रा में बढ़ोतरी होने से पैदावार तो दूर की बात घास तक नहीं उग पा रही है.

ज्ञापन के दौरान बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने भी ग्रामीणों की पैरवी करते हुए उनकी समस्या का शीघ्र समाधान करवाने की बात रखी. ग्राम पंचायत बिशाला आगोर के सरपंच दलपतसिंह ने बताया कि दूषित पानी के छोड़े जाने से ग्राम पंचायत के छापरी गांव की करीब 600 बीघा जमीन बंजर हो चुकी है. जेएसडबल्यू के सीएसआर फंड से नाड़ी की खुदाई कर बरसाती पानी को सहेजने और पशुओं के पेयजल के लिए तैयार करवाई गई थी, लेकिन अब हालत यह है कि उस नाडी में भी केमिकल युक्त पानी भरा पड़ा है.

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ग्रामीणों का कहना है कि इस विकट समस्या को लेकर आरएसएमएम के अधिकारियों, जिला कलेक्टर एवं अन्य सम्बंधित अधिकारियों को कई बार ज्ञापन सौंपने के साथ शिकायत भी दर्ज करवाई गई, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण अब तक कोई कार्यवाई नहीं हो पाई. ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा है कि आगामी 15 दिन के भीतर समस्या के निवारण के लिए प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जाता है, तो प्रभावित गांव के लोग सोनड़ी माइंस और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे और आमरण अनशन पर भी बैठेंगे.

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