बाड़मेर.कोरोना के बढ़ते संक्रमण से कोई भी देश अछूता नहीं है. इससे होने वाली लोगों की समस्याएं भी किसी से छिपी नहीं है. इसके चलते लोगों को खाने के लाले पड़े है. ऐसे में लोगों को पानी भी नहीं मिले तो लोगों का क्या होगा? इसका अंदाजा आप लगा सकते है. कुछ ऐसा ही नजारा आजकल बाड़मेर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित आटी गांव में रह रहे 50 परिवारों के लोगों को पीने के पानी के लिए रात-रातभर जागना पड़ता है. इस बस्ती में एक ही हैंड पंप होने के चलते लोगों को और ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है.
बता दें कि गर्मी के वजह से दिन में हैंड पंप से पानी नहीं आता, जिसके चलते वहां के लोगों को रातों की नींद हराम कर पानी भरने के लिए लम्बी-लम्बी कतारें लगानी पड़ती है. इस बीच कई घण्टों के इंतजार के बाद लोगों को एक मटकी भर पानी नसीब होता है. कभी-कभी तो ऐसा होता है कि इन लोगों को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. ये लोग काफी लंबे समय से पीने के पानी के लिए जूझ रहे है. पानी की एक-एक बूंद के लिए मोहताज इन ग्रामीणों की दशा देखने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति के सरकार के दावे पूरी तरह फेल होते नजर आ रहे हैं.