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बाड़मेरः कलेक्ट्रेट पर चल रहे धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए उदाराम मेघवाल, कह दी ये बड़ी बात - जिलाध्यक्ष उदाराम मेघवाल

आरएलपी के बाड़मेर अध्यक्ष उदाराम मेघवाल सोमवार को कलेक्ट्रेट के सामने चल रहे दलितों के धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला, साथ ही बीजेपी के जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल पर भी दलित विरोधी होने के आरोप लगाए.

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बाड़मेर कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए उदाराम मेघवाल

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Published : Nov 2, 2020, 3:58 PM IST

बाड़मेर.नवनियुक्त जिलाध्यक्ष उदाराम मेघवाल सोमवार को कलेक्ट्रेट के सामने जमीनी विवाद को लेकर पिछले करीब 100 दिनों से चल रहे दलितों के धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए. जहां उन्होंने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. साथ ही बाड़मेर बीजेपी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी के जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल दलितों के लिए कोई आवाज नहीं उठा रहे हैं.

बाड़मेर कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए आरएलपी नेता

उदाराम मेघवाल ने कहा कि गहलोत सरकार गरीब और दलितों के खिलाफ अन्याय कर रही है. सरकार ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों के मकानों को तोड़ दिया. जिसको लेकर वो पिछले 100 दिन से कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं. लेकिन, सरकार है कि उनको इन लोगों की कोई फिक्र ही नहीं है. जबकि, प्रशासन इस बात को मान चुका है कि अतिक्रमण की कार्रवाई सही नहीं हुई है. बावजूद उसके गरीब परिवारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है. लेकिन जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हमारा संघर्ष ऐसे ही जारी रहेगा.

बता दें कि, जिले में आरएलपी और बीजेपी के जिलाध्यक्ष दोनों ही दलित समुदाय से आते हैं. लेकिन, अब दोनों में तकरार होना शुरू हो गई है. सोमवार को भी उदाराम मेघवाल ने बीजेपी के जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी से पहले समाज होता है. उसके बावजूद भी बीजेपी के जिला अध्यक्ष विपक्ष में होने के बावजूद भी एक बार भी धरने पर नहीं आए, इन गरीबों की नहीं सुनी. इस पूरे मामले में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी दलित और गरीब परिवारों के साथ खड़ी है और न्याय दिलाकर ही सांस लेगी.

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गौरतलब है कि जिले के गडरा तहसील के बड़ा गांव में गैर मुमकिन गोचर भूमि से प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई करते हुए कई दलित आदिवासियों के घरों को तोड़कर उन्हें बेघर कर दिया था. वहीं, दलित समाज ने प्रशासन की इस कार्रवाई को गलत करार देते हुए जिला मुख्यालय पर करीब 100 दिनों से धरने पर बैठे हैं.

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