बालोतरा (बाड़मेर). क्षेत्र में टिड्डी के हमले को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी लगातार काम में जूटे हुए नजर आ रहे हैं. पूर्व में जब बड़ी संख्या में टिड्डी बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्र में पहुंची थी, तो राजस्व मंत्री चौधरी टिड्डी को मारने को लेकर रात्रि में टैक्टरों से सप्रे करवाते नजर आए थे.
ऐसे में एक बार फिर से टिड्डी का हमला हुआ है. उसके बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने टिड्डी के खात्मे और सीमावर्ती किसानों को राहत पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 600 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर की मांग की थी. जिसे मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति जारी कर राहत भी पहुंचाई गई.
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बता दें कि शनिवार को अपने निवास पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और कृषि आयुक्त ओम प्रकाश ने जिले में टिड्डी नियंत्रण के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर सुदृढ़ कार्य योजना को अमलीजामा पहनाने को लेकर बैठक हुई. बैठक के बाद कृषि आयुक्त ओम प्रकाशने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत टिड्डी को लेकर गम्भीर है.
वीसी के जरिए टिड्डी हमले के साथ ही किसानों को हुए नुकसान की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जब भी टिडडी हमले की चेतावनी मिली है, हमने इसी परिपेक्ष में टिड्डी नियंत्रण के उपाय को खोजा. साथ ही उन्होंने बताया कि संसाधनों के साथ-साथ कार्य योजना भी सही होनी चाहिए. तभी टिड्डी के हमले से बचने मे सफलता मिल पाएगी.
जिले में टिड्डी नियंत्रण के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं की गई है. उन्होंने बताया कि टिड्डी हमले की प्रारम्भिक जानकारी के लिए जिले में सूचना तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे हमले की सूचना मिलते ही तुरंत सर्वे कार्य सम्पादित किया जाकर रोकथाम सुनिश्चित किया जा सके. विभाग में जो पद रिक्त है, उन्हें जल्द ही भरा जाएगा. जिससे तीव्रता के साथ कार्य किया जा सके.
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि क्षेत्र में बार-बार हो रहे टिड्डी के हमले को लेकर 600 टेक्टर किराए पर लेने की स्वीकृति जारी कर दी है. साथ ही दवाइयों का भी बंदोबस्त कर दिया जाएगा. वहीं टिड्डी के नियंत्रण के लिए जन सहभागिता आवश्यक रहेगा. चौधरी ने कहा कि इस वर्ष टिड्डी अधिक मात्रा में आएगी.
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यूनाइटेड नेशन ने चार महीने पहले ही कह दिया था कि भारी मात्रा में टिड्डी आएगी, उसे अपन लोगों ने नजरअंदाज कर दिया था. जिसका नुकसान किसानों ने भुगता. वहीं अब किसानों को मजबूती के साथ समय रहते तैयारियां शुरू की जानी चाहिए. जिससे होने वाले टिड्डी हमले से निपटा जा सके.