बाड़मेर.पिछले लंबे समय से लूनी नदी में पाली और जोधपुर की औद्योगिक फैक्ट्रियों का रासायनिक युक्त पानी समदड़ी तक पहुंच जाता है. इसी को लेकर पहली बार भारत सरकार की ओर से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों की टीम समदड़ी पहुंची. वैज्ञानिकों की टीम ने अलग-अलग पानी के सैंपल लिए. साथ ही किसानों से बातचीत की. यह टीम अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौपेंगी.
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पिछले लंबे समय से बाड़मेर जिले के समदड़ी और उसके आसपास के सैकड़ों किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाली जिले की फैक्टरी से नेहड़ा बांध से रासायनिक युक्त पानी जोधपुर की जाजिरी नदी से एकत्रित दूषित पानी मानसून के समय में लूनी नदी में छोड़ा जाता है, जिसके कारण उसके आसपास के किसानों की खेती को भारी नुकसान हो रहा है.
भारत सरकार की वैज्ञानिकों की टीम पहुंची लूनी नदी इस कारण से तकरीबन 100 से अधिक छोटे और बड़े कस्बे प्रभावित हो रहे हैं. जिसके कारण यहां की जमीन बंजर होती जा रही है. इसको लेकर कई बार आंदोलन भी हुए हैं. वैज्ञानिक प्रवीण कुमार जैन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लूनी नदी और ग्राउंड वाटर की सैंपलिंग की गई है. हालांकि सैंपल में कलर साफ तौर पर नजर आ रहा है, लेकिन अभी इस पर कहना जल्दबाजी होगी. सैंपल टेस्टिंग के बाद इसकी रिपोर्ट हम सरकार को भेजेंगे और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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सिवाना से बीजेपी के विधायक हमीर सिंह भायल के अनुसार भारत सरकार के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मैंने मुलाकात की थी. यहां के हालातों के बारे में बताया था उसके बाद ही केंद्रीय प्रदूषण की टीम को भेजा गया है. टीम ने बालोतरा और समदड़ी के क्षेत्र किसानों और नदी के हालातों के बारे में जानकारी ली है.