बाड़मेर. जिले के पचपदरा थाने में हिरासत में एक युवक की मौत के बाद बाड़मेर पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं और सोशल मीडिया पर लगातार लोग बाड़मेर पुलिस को ट्रोल कर रहे हैं. दरसअल, शनिवार 5 अक्टूबर को सराणा गांव में जमीन को लेकर हुए विवाद के बाद पचपदरा पुलिस ने शांति भंग के आरोप में तीन युवकों को हिरासत में लिया था.
पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत, एसपी ने थानाधिकारी को किया निलंबित वहीं युवकों को रात भर लॉकअप में रखने के बाद पुलिस ने रविवार सुबह सभी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया. जहां इस दौरान आरोपी जगदीश गोलिया की तबीयत अचानक बिगड़ गई. पुलिस का कहना है कि तबीयत बिगड़ने पर जगदीश को नाहटा अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
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वहीं, पुलिस ने रोजनामचा में दर्ज किया है कि मृतक के शरीर पर पूर्व में गंभीर चोटें आई हुई थी. हालांकि, पूरे घटनाक्रम में मृतक जगदीश की मां वरजू देवी की रिपोर्ट के आधार पर एसपी शरद चौधरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पचपदरा थानाधिकारी सरोज चौधरी को निलंबित करते हुए थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया है.
समय पर इलाज मिलता तो बच सकती थी जान
आपसी मारपीट की घटना के चलते पुलिस ने युवक जगदीश को गिरफ्तार किया था और शाम को पचपदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में युवक की मेडिकल जांच भी करवाई थी. जहां डॉक्टर ने जांच के दौरान उसे स्वस्थ्य बताया था.
लेकिन पुलिस लॉकअप में रात को जगदीश गोलिया की तबीयत खराब होने लगी और पुलिस ने युवक की सुध नहीं ली. जिसके बाद रविवार सुबह उसे तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया. जहां उसकी तबियत और भी बिगड़ गई. युवक को कराहते देख तहसीलदार ने उसे तुरंत उपचार करवाने के लिए भेजा. लेकिन जब तक उसे अस्पताल पहुंचाया गया तब तक उसकी मौत हो गई थी.