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खबर का असरः कैंसर पीड़ित पिता की गुहार पर प्रशासन ने ली सुध, डीएम ने ऑनलाइन अनुमति को किया स्वीकार - ईटीवी भारत के खबर का असर

कैंसर पीड़ित पिता ने पीएम और सीएम से लगाई गुहार लगाई थी, कि मेरे बेटे और पोते जो सूरत में फंसे हुए है उनसे मिला दो. उसके बाद प्रशासन ने सुध लेते हुए इनके द्वारा ऑनलाइन अनुमति के आवेदन को स्वीकार कर लिया. जिला कलेक्टर द्वारा अनुमति भी जारी कर दी गई है.

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कैंसर पीड़ित पिता की गुहार पर प्रशासन ने ली सुध

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Published : Apr 19, 2020, 1:09 PM IST

बालोतरा (बाड़मेर). कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में बालोतरा उपखंड के एक कैंसर पीड़ित पिता ने अपने पोते और बेटे को सूरत से लाने की मांग की थी. पत्नी लीला देवी ने कई बार प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई, लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली.

कैंसर पीड़ित पिता की गुहार पर प्रशासन ने ली सुध

बता दें, कि ईटीवी भारत ने पीड़ित की बात को जानते हुए सरकार तक बात पहुंचाई. दरअसल, कैंसर पीड़ित पिता ने पीएम और सीएम से लगाई गुहार लगाई थी, कि मेरे बेटे और पोते से मिला दो. उसके बाद प्रशासन ने सुध लेते हुए इनके द्वारा ऑनलाइन अनुमति के आवेदन को स्वीकार कर लिया. जिला कलेक्टर द्वारा अनुमति भी जारी कर दी गई है. दरअसल, बुजुर्ग देवीलाल की रो-रोकर इतनी बुरी हालत हो गई है, कि उनकी तबीयत दिन-ब-दिन खराब हो रही है.

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पिता के सब्र की सीमाएं टूटती नजर आ रही है. पीड़ित पिता की आंखे हर समय अपने बेटे को अपने नजदीक पाने को तरस रही है. चारपाई पर लेटे देवीलाल ने रोते हुए प्रशासन के जरिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से अपनी आखिरी इच्छा जाहिर की है, कि उनके बेटे, बहु और पोते जो व्यपार के लिए सूरत गए हुए थे, लॉकडाउन में फंसे हुए है. उन्हें वापस बालोतरा पहुंचा दिया जाए.

डीएम ने ऑनलाइन अनुमति को किया स्वीकार

मां की भी यही गुहार...

वहीं, पति की लगातार सेवा कर रही पत्नी लीलादेवी अपने पति को बार-बार धीरज भी बांध रही है. वो सूरत में फंसे अपने बेटे बद्रीनारायण को यहां लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग कर रही है, कि एक पिता से पुत्र को मिलाया जाए जो कैंसर पीड़ित होते हुए जीवन के अंतिम पड़ाव पर है.

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