बाड़मेर. शहीदों और मरूभूमि के वीर सपूतों की याद में एक बार फिर थार के वीर 2 का आयोजन आदर्श स्टेडियम में हुआ. जिसमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार शौर्य, चक्र विजेता अनुराग कुमार, दो मर्तबा एवरेस्ट फतह करने वाली सैन्य अधिकारी दीपिका सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की.
कार्यक्रम में शहीद परिवारों का सम्मान किया गया. साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी की गई. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को देखने के लिए जिलेभर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे और शहीद परिवारों की हौसला अफजाई कर रहे थे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि कारगिल की लड़ाई के दौरान 4 जुलाई 1999 को राइफलमैन संजय कुमार को मास्को वैलीपॉइंट के टॉप पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था. उस समय संजय कुमार आक्रमक बस्ती के अग्रिम स्काउट के रूप में कार्य करने के लिए अपनी इच्छा से आगे आए.
आक्रमण के दौरान जब अंदर से गोलाबारी हुई तो राइफलमैन संजय कुमार ने यह मशीन गन संभाली और बाकी दुश्मनों को मार गिराया. भारी खून बहने के बावजूद भी उन्होंने वहां से जाने से इंकार कर दिया. उनको इसी से प्रेरणा मिली और विषम परिस्थितियों की परवाह नहीं करते हुए दुश्मन पर आक्रमण कर दिया और उनके कब्जे से टॉप छीन लिया.
राइफल संजय कुमार ने इतिहास को देखते हुए भारतीय सेना ने उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया. आज परमवीर चक्र राइफलमैन संजय कुमार ने उस वक्त की कहानी को साझा किया और बताया कि मुझे इस बात का बेहद फक्र है कि राजस्थान के अंतिम बॉर्डर पर था कि वीर कार्यक्रम में उस कहानी को बताने के लिए बुलाया गया. मैं आज हजारों लोगों के सामने कारगिल के 1999 की उस वक्त की कहानी को साझा करने का अवसर मिला.