बाड़मेर.एक तरफ जोधपुर के फलोदी में राज्य वृक्ष खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई का मामला चर्चा में है, तो वहीं दूसरी तरफ बाड़मेर में सिर्फ एक खेजड़ी के पेड़ को बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर पर्यावरण को संरक्षित करने का नायाब उदाहरण पेश किया जा रहा है. दरअसल, शहर में बने रहे एक मंदिर के भूखंड के बीच में खेजड़ी का पेड़ आ रहा है. इसे काटने की बजाय बचाने के लिए न केवल मंदिर के नक्शे में बदलाव किया गया (Temple map altered for saving a khejri tree in Barmer) है बल्कि इस कवायद में लाखों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं.
शहर के जूना किराडू मार्ग इलाके में इन दिनों श्री माता राणी भटियाणीजी चैरिटेबल संस्थान की ओर से माजीसा मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके 60×80 के भूखण्ड के बीच में राज्य वृक्ष खेजड़ी आ रहा है. ऐसे में खेजड़ी को काटने की बजाय इसे सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के नक्शे में बदलाव किया गया है. संस्थान के अध्यक्ष सरूपचन्द रणधा ने बताया कि संस्थान की ओर से मंदिर निर्माण कार्य शुरू करवाया गया है. मंदिर की जमीन पर एक खेजड़ी का बड़ा वृक्ष है जो मंदिर के बीच में आ रहा था. इस वृक्ष को बचाने के लिए हमने मंदिर के नक्शे में बदलाव करवाया और बीते 2 दिनों से इसे बचाने का कार्य किया जा रहा है.
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