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जब 7 बेटियों ने मिलकर दी पिता को मुखाग्नि... - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

बाड़मेर जिले में एक गांव की बेटियों ने मिसाल पेश की है. अपने पिता की मौत के बाद बेटियों ने न सिर्फ पिता को कंधा दिया, बल्कि पूरी रस्म अदायगी के साथ उनको मुखाग्नि भी दी. बेटियों की इस बात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेकर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सहित सभी समाज के लोगों ने बेटियों की जबरदस्त तारीफ की है.

daughters of Mahabar village, daughters in Barmer cremated their father
बाड़मेर जिले की बेटियों ने पेश की मिसाल

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Published : Nov 30, 2020, 9:14 PM IST

बाड़मेर. जिले की महाबार गांव में सात बेटियों ने ऐसी मिसाल पेश की है कि बाड़मेर ही नहीं, राजस्थानी नहीं बल्कि पूरा देश इन बेटियों पर गर्व कर रहा है. कुछ दिन पहले ही कोविड-19 की चपेट में आने के कारण, हालांकि रिपोर्ट तो लगातार नेगेटिव आई थी, लेकिन फेफड़ों में संक्रमण के चलते बीजेपी के नेता पूर्व सरपंच हेम सिंह राजपुरोहित का निधन जोधपुर में हो गया था. जिसके बाद उनकी अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव महाबार में निकाली गई. अंतिम यात्रा में सात बेटियों ने पूरी रस्म के साथ एक तरफ तो कंधा दिया. वहीं, दूसरी तरफ सातों ने बेटों का फर्ज निभाते हुए पिता को मुखाग्नि भी दी.

बाड़मेर जिले की बेटियों ने पेश की मिसाल

जिले के महाबार गांव के 83 वर्षीय हेम सिंह महाबार को उनकी बेटियों मगू कंवर, छगन कंवर, तीजो कंवर, पूरी कंवर, सारी कंवर, घापू कंवर, घाई कंवर ने कंधा देने के बाद मुखाग्नि दी. हेम सिंह महाबार के 14 दोहिते 12 दोहितीया हैं. हेम सिंह महाबार पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे. उनकी रिपोर्ट कुछ दिन पहले नेगिटिव भी आ गई थी, लेकिन फेफड़ों के संक्रमण की वजह से उनका असमय निधन हो गया.

बाड़मेर के समाजसेवी और माहाबार के पूर्व सरपंच हेम सिंह राजपुरोहित के निधन पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने उनके दामाद भंवर सिंह राजगुरु बीसू से फोन पर बात कर अपनी संवेदना प्रकट की. हेम सिंह महाबार के निधन पर पूरे मारवाड़ में राजपुरोहित समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी. बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन समेत कई जनप्रतिनिधियों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया.

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राजस्थान के बाड़मेर जिले में जहां पर किसी जमाने में बेटियों को बेटों से कम आंका जाता था, जिसके चलते यहां पर बेटियां होना ही अभिशाप माना जाता था. लेकिन बदलते हालातों के साथ ही शिक्षा और जागरूकता के चलते यहां के लोगों ने बेटों से ज्यादा अपनी बेटियों को दर्जा दिया. शायद यह उसी का नतीजा है कि 7 बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार की पूरी क्रिया को करने के बाद मुखाग्नि दी. अब इस बात को लेकर हर कोई इन बेटियों की तारीफ कर रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेकर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सहित अन्य नेताओं के साथ ही सभी समाज के लोगों ने इन बेटियों की जबरदस्त तारीफ की है.

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