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बर्खास्त IPS पंकज चौधरी का नामांकन हो सकता है रद्द...ये ह वजह

अपने बयानों और कारनामों से हमेशा चर्चा में रहने वाले बर्खास्त आईपीएस पंकज चौधरी का नामांकन रद्द हो सकता है. इस मामले में दलील दी जा रही है कि राज्य या केंद्र की सरकार से किसी कारण से बर्खास्त हुए कर्मचारी या अधिकारी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्यता की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में अब पंकज चौधरी के चुनाव लड़ने पर तलवार लटकी हुई है.

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Published : Apr 9, 2019, 4:01 PM IST

बर्खास्त IPS पंकज चौधरी

बाड़मेर.अपने बयानों और कारनामों से हमेशा चर्चा में रहने वाले बर्खास्त आईपीएस पंकज चौधरी का नामांकन रद्द हो सकता है. इस मामले में दलील दी जा रही है कि राज्य या केंद्र की सरकार से किसी कारण से बर्खास्त हुए कर्मचारी या अधिकारी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्यता की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में अब पंकज चौधरी के चुनाव लड़ने पर तलवार लटकी हुई है.

बता दें, केंद्र सरकार से बर्खास्त आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी बड़मेर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जिसके बाद चर्चाओं का दौर जारी हो गया है कि क्या पंकज चौधरी चुनाव लड़ने के योग्य हैं. बताया जा रहा है कि राज्य या केंद्र की सरकार से किसी कारण से बर्खास्त हुए कर्मचारी या अधिकारी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्यता की श्रेणी में आते हैं. हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि ऐसे मामले में अभ्यर्थी या प्रत्याशी को भारत निर्वाचन आयोग से सर्टिफिकेट लेना होता है. आयोग द्वारा सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही प्रत्याशी चुनाव लड़ सकता है.

बर्खास्त IPS पंकज चौधरी का नामांकन हो सकता है रद्द

वहीं, प्रथम चरण के चुनाव के लिए मंगलवाल नामांकन का अंतिम दिन है. बुधवार नामांकन पत्रों की जांच होगी. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जांच के दौरान ही पता चल जाएगा की पंकज चौधरी ने चुनाव आयोग द्वारा जारी सर्टिफिकेट लगाया है कि नहीं लगाया. अगर चौधरी ने सर्टिफिकेट लगाया होगा तो उनका नामांकन रद्द नहीं होगा और अगर नहीं लगाया होगा तो वो चुनाव लड़ने के लिए अमान्य होंगे.

दरअसल, हाल ही में बर्खास्त हुए आईपीएस पंकज चौधरी राजनीति के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत करने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन, चौधरी के लिए यह नई राह आसान नहीं है. बर्खास्त आईपीएस पंकज चौधरी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से बसपा का दामन थाम चुनाव मैदान में उतर गए हैं. बसपा ने उन्हें बाड़मेर-जैसलमेर से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया है.

हालांकि, पंकज चौधरी ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. लेकिन, चौधरी के चुनाव लड़ने पर संशय के बादल छा गए हैं. इसकी वजह है कि राज्य या केंद्र में किसी भी कारण से किसी भी अधिकारी को अगर बर्खास्त किया जाता है तो वह चुनाव लड़ने की श्रेणी में अयोग्य माना जाता है. ऐसे उस अधिकारी को चुनाव लड़ने के लिए पहले भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत सर्टिफिकेट लेना पड़ता है.

वहीं, भारत निर्वाचन आयोग बर्खास्त अधिकारी की चुनाव लड़ने के लिए मांगी गई अनुमति की अर्जी पर संबंधित राज्य निर्वाचन विभाग से भी टिप्पणी मांगता है. राज्य की टिप्पणी आने और बर्खास्त अधिकारी की रिपोर्ट को जांचने के बाद ईसीआई संबंधित बर्खास्त अधिकारी को चुनाव लड़ने का सर्टिफिकेट जारी करता है. इसमें ईसीआई यह भी देखता है कि संबंधित बर्खास्त अधिकारी को राज्य या केंद्र सरकार द्वारा किन कारणों के चलते उन्हें बर्खास्त किया है.

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