बाड़मेर.पंजाब का सियासी संकट हल होने के बाद अब राजस्थान पर आलाकमान की नजर है. इस बीच मान जा रहा है कि हरीश चौधरी अब सरकार की बजाए संगठन में जाने की तैयारी में हैं.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि हरीश चौधरी को कांग्रेस आलाकमान फिर से पंजाब में दोबारा सरकार बनाने के लिए महासचिव बनाकर पंजाब का प्रभारी बनाने की तैयारी में है.
पार्टी पद दे या न दे, कार्यकर्ता की तरह काम करूंगा- चौधरी 2 दिन पहले ही जब राजस्व मंत्री हरीश चौधरी बाड़मेर जिला मुख्यालय पर ही कार्यक्रम मशक्कत कर रहे थे तो इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए जब उनसे एक सवाल में पूछा गया कि वह संगठन में जाने की तैयारी में हैं. तो इस पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का जवाब था कि वह हमेशा से ही संगठन के साथ काम करना पसंद करते हैं.
उन्होंने कहा था कि पार्टी उन्हें संगठन में कोई जिम्मेदारी दे या न दे, वे कार्यकर्ता बनकर पार्टी का काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा था कि सरकार के बजाय संगठन में उनकी ज्यादा रूचि रही है.
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2009 में जब यूपीए-2 सरकार बनी थी उस समय हरीश चौधरी बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद चुने गए थे. उसके बाद उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था और पंजाब का प्रभारी भी बनाया गया था. 7 साल तक लगातार पंजाब के लिए वह काम कर चुके हैं. अब पंजाब में फिर से चुनाव की तैयारियां चल रही हैं.
जाहिर है कि राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पंजाब कांग्रेस के घमासान को मिटाने में अहम भूमिका निभाई है, साथ ही हरीश चौधरी पंजाब की राजनीति को करीब से जानते हैं.
दूसरी वजह यह भी है कि सचिन पायलट खेमे से आने वाली कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी को मंत्री बनाने के लिए सचिन पायलट अड़े हुए हैं. ऐसे में बाड़मेर जिले से दो जाट समुदाय से कैबिनेट मंत्री संभव नहीं हैं. इसीलिए भी हरीश चौधरी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देकर और हेमाराम चौधरी को मंत्रिमंडल में जगह देकर दोनों को एडजस्ट किया जा सकता है.