बाड़मेर .राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से एक दिन पहले 12वीं कला वर्ग का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. जिले में कक्षा 12वी कला वर्ग का परिणाम 95.17 फीसदी रहा है. जिले के हरसाणी गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली रवीना राजपुरोहित ने 97.40 फ़ीसदी अंक हासिल कर संभवतः जिले में पहला स्थान हासिल किया है. खास बात ये है जिस सरकारी स्कूल हरसाणी में शिक्षको के कई पद रिक्त है, वहां की छात्रा रवीना राजपुरोहित जिला टॉपर बनी है. रवीना के गांव में 12वीं तक स्कूल नहीं होने की वजह से रोज 16 किलोमीटर का सफर तय करके सरकारी स्कूल हरसाणी गांव में पढ़कर उसने इस मुकाम को हासिल किया है. इसी तरह लालटेन की रोशनी में पढ़कर तुलसी मेघवाल ने सफलता हासिल की है.
बॉर्डर इलाके की बेटी रवीना राजपुरोहित ने कक्षा 12वीं के कला वर्ग में 97.40 फ़ीसदी अंक हासिल कर संभवतया जिला टॉपर रही है. परिणाम जारी होने के बाद से रवीना और उसके परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. बॉर्डर क्षेत्र की रहने वाली इस बेटी ने अपनी मेहनत के बलबूते इस मुकाम को हासिल किया है. दरअसल जुड़िया गांव निवासी रवीना राजपुरोहित के अपने गांव में 12वीं तक बालिकाओं के लिए विद्यालय नहीं है. इसलिए रवीना पढ़ने के लिए रोजाना 16 किलोमीटर का बस में सफर तय करके हरसाणी गाँव जाती थी. इस सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी के बाद भी रवीना ने अपनी मेहनत के चलते सफलता को हासिल किया है.
रवीना के पिता बलवंत सिंह निजी स्कूल में टीचर हैं. सामान्य परिवार की बेटी रवीना ने नियमित पढ़ाई करते हुए इस सफलता को हासिल किया. रवीना ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है. रवीना के अनुसार जुडिया गाँव मे 12 तक बालिकाओं के लिए स्कूल न होने के कारण पढ़ने के लिए रोजाना बस में 16 किलोमीटर का सफर तय करती थी. स्कूल में कई शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ने में काफी समस्याएं झेलनी पड़ी लेकिन विद्यालय के गुरुजनों ने अन्य विषयों में मार्गदर्शन देकर उसका हौसला बढ़ाया. रवीना ने बताया कि उसका प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना है.
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लालटेन की रोशनी में पढ़कर तुलसी मेघवाल ने किए 94.80 फ़ीसदी अंक हासिल :इसी तरह बाड़मेर जिले के कड़वासरो की ढाणी, खुडासा गाँव निवासी तुलसी मेघवाल ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी कड़ी मेहनत और लगन से 12वीं कला वर्ग में 94.80 फ़ीसदी अंक प्राप्त किया है. तुलसी के घर पर बिजली कनेक्शन नहीं है ऐसे में वो लालटेन की रोशनी में पढ़ाई किया करती थी. कड़े संघर्ष के बाद तुलसी मेघवाल ने कामयाबी हासिल की है. तुलसी के पिता विशनाराम गुजरात में मजदूरी करते हैं तो वहीं माता हबू ग्रहणी है. तुसली के 5 भाई बहन हैं. तुलसी ने लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करके 12वीं कक्षा में अच्छे अंक हासिल किए हैं. तुलसी बताती है कि उसका भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना है.