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जान बचाने का ऐसा जुनून, कोरोना के खौफ के बीच ब्लड की रिक्वायरमेंट सुनते ही घर से दौड़ पड़ते हैं राजपुरोहित

आज के समय में भी ऐसे कई लोग हैं, जिनके अंदर अपना खून देकर दूसरों की जान बचाने का जुनून है. ऐसे लोगों में शामिल है कपड़ा व्यवासायी हेमंत राजपुरोहित. हेमंत राजपुरोहित कोरोना वायरस के खौफ के बीच भी हर समय एक्टीव रहकर ब्लड की व्यवस्था के लिए तत्पर रहते हैं.

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खून देते रक्तवीर

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Published : Apr 5, 2020, 11:53 AM IST

बाड़मेर.रक्तदान एक ऐसा महादान है, जिसकी अन्य किसी दान से तुलना नहीं की जा सकती हैं. जरूरतमंद मरीज को समय पर अगर रक्त ना मिले तो उसकी जान पर जोखिम बन आती है. अक्सर इस तरह के कई मामले भी सामने आते हैं, जिसमें समय पर ब्लड ना मिलने के कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है. आज ऐसे कई लोग हैं जिनके अंदर अपना खून देकर दूसरों की जान बचाने का जुनून है.

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ऐसे लोगों में शामिल हैं कपड़ा व्यवासायी हेमंत राजपुरोहित. रक्तवीर हेमंत राजपुरोहित कोरोना वायरस के खौफ के बीच हर समय एक्टीव रहकर ब्लड की व्यवस्था के लिए तत्पर रहते हैं. जिला राजकीय अस्पताल बाड़मेर में भर्ती 50 वर्षीय अबली देवी निवासी बोथिया का कुछ दिन पहले आंत का ऑपरेशन हुआ था. मगर ब्लीडिंग ज्यादा होने की वजह से राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

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लेकिन हीमोग्लोबिन कम होने की वजह से चिकित्सक ने तुरंत उन्हें खून चढ़ाने की बात कहीं. मरीज का ब्लड ग्रुप AB नेगेटिव था, जो कि रैयर ग्रुप था. परिजनों ने इधर उधर कोशिश की मगर कहीं से व्यवस्था नहीं हो पाई. जिसके बाद मदद की आस में परिजनों ने समाजसेवी राम सिंह बोथिया से संपर्क किया. कुछ ही देर में राम सिंह ने कपड़ा व्यवासायी हेमंत राजपुरोहित से बात की और हेमंत रैयर ग्रुप को गंभीरता से लेते हुए तुरंत राजकीय अस्पताल पहुंचे. तब तक खेमसिद्ध डॉनर्स के सदस्य श्रवण भाम्भू ने रक्तदान कर दिया था.

दादाजी के निधन का शोक छोड़कर रक्तदान करने पहुंचे

राजकीय अस्पताल में भर्ती अबली देवी के कुछ ही समय बाद दूसरे यूनिट की जरूरत पड़ने पर हेमंत राजपुरोहित से संपर्क करने पर उन्होंने तुरंत ही रक्तवीर राण सिंह चौहान जिसके दादाजी का तीन दिन पूर्व देहांत हो गया था, उन्हें फोन किया. जिसके बाद राण सिंह ने तुरंत शोक को छोड़ रक्तदान कर एक बुजुर्ग महिला की जिन्दगी बचाई है.

हेमंत राजपुरोहित ने बताया मेरे पास जब भी किसी जरूरतमंद का ब्लड की व्यवस्था करने के लिए कॉल आता है, तो मैं अपने सारे काम छोड़कर ब्लड की व्यवस्था में लगा जाता हूं. जब व्यवस्था होती तब जाकर चैन से बैठता हूं. इसी तरह मेरे पास कॉल आया कि बाड़मेर जिला राजकीय अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला को AB नेगेटिव ब्लड की आवश्यकता है. ये ब्लड रैयर ग्रुप जो बहुत कम लोगों का होता है, ऐसे में मैने अपने दोस्त को कॉल किया हालांकि उससे दादा जी की डेथ हो रखी थी, लेकिन मेरे आग्रह पर रक्तवीर राणसिंह आये और अपना ब्लड देकर बुजुर्ग महिला की जान बचाई.

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खेमसिद्ध डॉनर्स और हेमंत राजपुरोहित की मदद से दो ही दिन में AB नेगेटिव रैयर ब्लड तीन यूनिट की व्यवस्था कर दी गई. उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान अगर किसी को रक्त की आवश्यकता पड़ती है, तो रक्तवीरों को जरूर रक्तदान करना चाहिए, ताकि हम किसी का जीवन बचा सके.

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