बाड़मेर.रक्तदान एक ऐसा महादान है, जिसकी अन्य किसी दान से तुलना नहीं की जा सकती हैं. जरूरतमंद मरीज को समय पर अगर रक्त ना मिले तो उसकी जान पर जोखिम बन आती है. अक्सर इस तरह के कई मामले भी सामने आते हैं, जिसमें समय पर ब्लड ना मिलने के कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है. आज ऐसे कई लोग हैं जिनके अंदर अपना खून देकर दूसरों की जान बचाने का जुनून है.
ऐसे लोगों में शामिल हैं कपड़ा व्यवासायी हेमंत राजपुरोहित. रक्तवीर हेमंत राजपुरोहित कोरोना वायरस के खौफ के बीच हर समय एक्टीव रहकर ब्लड की व्यवस्था के लिए तत्पर रहते हैं. जिला राजकीय अस्पताल बाड़मेर में भर्ती 50 वर्षीय अबली देवी निवासी बोथिया का कुछ दिन पहले आंत का ऑपरेशन हुआ था. मगर ब्लीडिंग ज्यादा होने की वजह से राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
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लेकिन हीमोग्लोबिन कम होने की वजह से चिकित्सक ने तुरंत उन्हें खून चढ़ाने की बात कहीं. मरीज का ब्लड ग्रुप AB नेगेटिव था, जो कि रैयर ग्रुप था. परिजनों ने इधर उधर कोशिश की मगर कहीं से व्यवस्था नहीं हो पाई. जिसके बाद मदद की आस में परिजनों ने समाजसेवी राम सिंह बोथिया से संपर्क किया. कुछ ही देर में राम सिंह ने कपड़ा व्यवासायी हेमंत राजपुरोहित से बात की और हेमंत रैयर ग्रुप को गंभीरता से लेते हुए तुरंत राजकीय अस्पताल पहुंचे. तब तक खेमसिद्ध डॉनर्स के सदस्य श्रवण भाम्भू ने रक्तदान कर दिया था.