बाड़मेर.विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में भाजपा की ओर से सांसदों को चुनावी मैदान में उतारे जाने के बाद से ही सांसदों के विधानसभा चुनाव लड़ने का विषय चर्चाओं के केंद्र में है. वहीं, चुनावी की सरगर्मियों के बीच संभवत: यह पहला मौका होगा, जब बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट के मौजूदा सांसद के साथ ही तीन पूर्व सांसद मैदान में ताल ठोक सकते हैं. इनमें एक पूर्व सांसद को टिकट भी मिल गया है. जबकि तीन अभी कतार में हैं.
दरअसल, आगामी विधानसभा चुनाव में बाड़मेरल-जैसलमेर के सांसद कैलाश चौधरी, पूर्व सांसद हरीश चौधरी, मानवेंद्र सिंह और कर्नल सोनाराम चौधरी चुनावी मैदान में नजर आ सकते हैं. हालांकि, हरीश चौधरी को कांग्रेस पार्टी का बायतु से टिकट मिल गया है. वहीं, मानवेंद्र सिंह और कर्नल सोनाराम चौधरी के अलावा मौजूदा सांसद कैलाश चौधरी के चुनाव लड़ने को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन इनके नामों की चर्चा तेज है. ऐसे में अगर पार्टी इन्हें टिकट देती है तो ये पहला मौका होगा कि जब बाड़मेर-जैसलमेर के मौजूदा व तीन पूर्व सांसद चुनावी मैदान में अपना दमखम दिखाएंगे.
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कर्नल सोनाराम चौधरी तीन बार कांग्रेस से और चौथी बार 2014 में भाजपा की टिकट पर बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. क्षेत्र के सियासी जानकारों की मानें तो कर्नल सोनाराम चौधरी अब बाड़मेर के गुड़ामालानी विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसको लेकर चौधरी बीते कई दिनों से दिल्ली में टिकट के लिए प्रयास भी कर रहे हैं. इस सीट पर भाजपा ने अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.
इधर, हरीश चौधरी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद चुने गए थे. हरीश चौधरी बायतु से मौजूदा विधायक हैं और अब फिर से चुनावी मैदान में उतरे हैं. कांग्रेस ने चौधरी पर एक बार फिर से भरोसा जाताया है.
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वहीं, कैलाश चौधरी साल 2019 में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. उसके बाद मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बने और अब चर्चाएं है कि भाजपा उन्हें बाड़मेर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है. जानकार बताते हैं कि कैलाश चौधरी इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए राजी नहीं है. हालांकि, पार्टी टिकट देती है तो उन्हें चुनाव लड़ना पड़ सकता है. इस सीट पर भाजपा ने अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.