बाड़मेर.देश के कई हिस्सों में मानसून ने जबरदस्त तरीके से दस्तक दे दी है. कई इलाकों में बाढ़ ने लोगों का जीना भी बेहाल कर दिया है. लेकिन राजस्थान के रेगिस्तान में पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरसते नजर आ रहे हैं.
आलम ये है कि मानसून के सात दिन बीत जाने के बावजूद पानी की एक बूंद भी रेगिस्तान में नहीं बरसी है. पिछले चार-पांच दिन से लगातार बाड़मेर जिले में आंधी का दौर चल रहा है. लग रहा है जैसे अप्रैल का महीना हो. दरअसल, इस महीने में आंधियों का दौर सबसे ज्यादा होता है. लेकिन इस बार तो आंधी का दौर रेगिस्तान में जुलाई महीने में चल रहा है और इसी आंधी ने रेगिस्तान के किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
पिछले 3 साल से बाड़मेर के कई गांवों में लगातार अकाल पड़ रहा है. इस बार लोगों को यह उम्मीद थी कि इंद्रदेव जमकर रेगिस्तान पर बरसेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा है. बादलों की आवाजाही के बीच भयंकर उमस का माहौल बना हुआ है. शाम को हवाएं चलने के साथ ही गर्मी का असर जारी रहता है. बादलों के बीच सूरज भी प्रखर होकर नजर आ रहा है. इस कारण कई लोगों के पसीने छूट रहे हैं. अधिकतम तापमान 40 डिग्री के आसपास रह रहा है. वहीं, न्यूनतम तापमान 28 डिग्री के आसपास रहा है. हालांकि इससे गर्मी से कोई राहत नहीं मिली है.
मानसून की बेरुखी से रेगिस्तान पर फिर मंडरा रहा अकाल का साया वहीं मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक 13 से 14 जुलाई को अच्छी बारिश के आसार बन रहे हैं. इससे पहले भी बूंदाबांदी और बारिश हो सकती है.
इंद्रदेव को मनाने के लिए बाड़मेर के लोगों ने कई टोटके भी किए. लेकिन इंद्र देवता हैं कि मानने को तैयार ही नहीं है. अब किसानों को इस बात से उम्मीद है कि अगले तीन-चार दिन में बारिश हो सकती है, क्योंकि मौसम विभाग ने इसकी संभावना जताई है.