बाड़मेर. शहर में वॉटर लॉगिंग की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. बरसात के दिनों में यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है. जिस वजह से शहर वासियों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहर वासियों ने अपनी इस समस्या को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत करवाया, लेकिन उनके कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है. लिहाजा शहर में वॉटर लॉगिंग की समस्या के चलते व्यापारी वर्ग खासा परेशान नजर आ रहा है.
बाड़मेर में जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं शहरवासी शहर वॉटर लॉगिंग की समस्या की वजह से हालात यह है कि कई इलाकों में घरों के अंदर ग्राउंड में तब्दील हो गए हैं. इसके साथ ही शहर के स्टेशन रोड स्थित पालिका बाजार हाई स्कूल रोड एवं इसके आसपास के इलाकों में भी वॉटर लॉगिंग की समस्या विकराल रूप ले चुकी है. लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे दुकानदारों और व्यापारियों ने अपने स्तर पर पानी की मोटर लगाकर और पाइप लाइन से जोड़कर पानी की निकासी का प्रबंध किया है. साथ ही लगातार पानी की मोटर के संचालन से विद्युत बिल में भी बढ़ोतरी को लेकर कई व्यापारियों ने अपने दुकानों पर सौर ऊर्जा के प्लांट तक लगवा दिए हैं, ताकि बिजली कटौती के दौरान पानी के स्तर बढ़ने से आर्थिक नुकसान से बचा जा सके.
स्टेशन रोड पर बनी पालिका बाजार में कई दुकानें हैं, जो इस वॉटर लॉगिंग की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे ही दुकानदार पेमाराम माली ने बताया कि इस बाजार में वॉटर लॉगिंग की बेहद गंभीर समस्या है. इसको लेकर हमने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत करवाया है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. ऐसे में हमने अपने स्तर पर पानी की निकासी को लेकर प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि प्रशासन इस समस्या का जल्द समाधान करें. ऐसे ही हाई स्कूल रोड स्थित पीके ट्रेडिंग के मालिक कमल बताते हैं कि वह पिछले 4 वर्षों से इस वॉटर लॉगिंग की समस्या से परेशान है.
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उन्होंने अपनी दुकान के अंदर मोटर और पाइप के जरिए पानी की निकासी का प्रबंध किया है. यहां तक कि उन्होंने अपने स्तर पर सौर ऊर्जा का प्लांट इस पानी की निकासी को लेकर लगाया है क्योंकि अगर दो से 3 घंटे लाइट चली जाती हैं. पानी से उनके दुकान का सारा माल खराब हो जाता है. इससे बचने के लिए उन्होंने अपनी दुकान पर सौर ऊर्जा का प्लांट तक लगा दिया है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत करवाया है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रशासन चाहे तो यह समस्या का समाधान कर सकता है, लेकिन वह इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है.