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पाकिस्तानी नागरिक बोला- 'हिंदुस्तान को कभी नहीं भूल पाऊंगा'...बाघा बॉर्डर से रिहाई - पासपोर्ट अधिनियम

पाकिस्तानी किशोर भागचंद कोली (Bhagchand Koli) कहता है कि उसे अपने मुल्क लौटने की खुशी है, लेकिन भारत में जो लाड़-प्यार उसे मिला है, उसे वह याद रखेगा, हिंदुस्तान (India) को वह कभी नहीं भूल पाएगा. 16 साल की उम्र में सीमा लांघ पर भारत आया किशोर अब अगले महीने 18 साल का हो जाएगा. भारत सरकार (Indian government ) ने उसे 28 अगस्त को वाघा बॉर्डर (wagah border) के जरिये रिहा कर रही है, जिसको लेकर बीएसएफ बाघा बॉर्डर के लिए रवाना हो गई है, जहां उसे पाकिस्तान को सौंप दिया जाएगा.

पाकिस्तानी नागरिक की वतन वापसी
पाकिस्तानी नागरिक की वतन वापसी

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Published : Aug 25, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 5:36 PM IST

बाड़मेर. पाकिस्तान (pakinstan) के रहीमयार खां का रहने वाला किशोर भागचंद कोली 28 अगस्त को अपने मुल्क लौट जाएगा. 2 साल पहले जब वह मुनाबाव से पकड़ा गया था तब करीब 16 साल का था. भागचंद तारबंदी खोदकर भारतीय सीमा में घुसा था. उसे किशोर संप्रेषण गृह में रखा गया था. भागचंद को BSF बाघा बॉर्डर के लिए लेकर रवाना हो गई है, जहां से उसके पाकिस्तान को सौंप दिया जाएगा.

एक बार फिर हिंदुस्तान ने दरियादिली दिखाई है. भागचंद बाड़मेर जिले के किशोर सुधार गृह पिछले 2 साल से वतन वापसी का इंतजार कर रहा था. लेकिन जब वतन वापसी की बात आई तो भागचंद का कहना है कि मुझे वतन वापसी की खुशी है, लेकिन जो प्यार और लाड़ हिंदुस्तान में मिला, उसी मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा.

2019 में तारबंदी खोदकर घुसा भारतीय सीमा में

जानकारी के अनुसार 8 सितंबर 2019 की रात भागचंद मुनाबाव बॉर्डर से तारबंदी के नीचे से भारतीय सीमा में घुसा था. ग्रामीणों ने उसे सीमा सुरक्षा बल की 151 वीं बटालियन के सुपुर्द कर दिया. भागचंद (Bhagchand Koli) से पूछताछ हुई तो यह बात पता चला कि 16 साल का भागचंद रहीमयार खां पाकिस्तान का नागरिक है. यह बात भी सामने आई कि 8 सितंबर 2019 की रात भागचंद खुद ही तारबंदी पार कर भारत आया था.

पाकिस्तानी किशोर भागचंद की रिहाई 28 अगस्त को

कई बार हुई खुफिया पूछताछ

भागचंद से कई बार सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों (intelligence Agency) ने पूछताछ की. लेकिन ऐसी कोई विशेष जानकारी सामने नहीं आई. भागचंद नाबालिग था इस कारण उसे किशोर संप्रेषण गृह में रखा गया. अब केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने राजस्थान सरकार को आदेश दिये हैं कि भागचंद को रिहा कर दिया जाए.

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व्यवहार अच्छा था, कैद में नहीं रखा

बाड़मेर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अश्विनी शर्मा के अनुसार पासपोर्ट अधिनियम के तहत भागचंद पर मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके बाद उसे दोषमुक्त कर दिया गया. इसका व्यवहार बहुत अच्छा है. इसको इतने दिन कैद में नहीं रखा गया. अब यह खुद ही कह रहा है कि वह यहां बहुत खुश है, इसकी रिहाई की पूरी कागजी कार्रवाई हो चुकी है.

भागचन्द कोली 16 साल का था जब उसने भारतीय सीमा में प्रवेश किया. अब उसे 18 साल का होने में 1 महीने का समय शेष है. 28 अगस्त को भागचंद अपने मुल्क पाकिस्तान पहुंच जाएगा. पाकिस्तान में उसके परिवार में 7 भाई है. पिता इस दुनिया में नहीं हैं. आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि कोई पाकिस्तानी नागरिक (pakistan citizen) भूलवश अगर भारत में आ जाता है तो उसे तुरंत जीआईसी करके वापस पाक रेंजर्स के सुपुर्द कर दिया जाता है. लेकिन जब कोई नागरिक संदिग्ध लगता है तो उसके बाद उससे संयुक्त पूछताछ की जाती है. पूछताछ में जो बात सामने आई है उसी के आधार पर उस नागरिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है.

पाकिस्तानी नागरिक पाक के लिए रवाना

गुरुवार को बाड़मेर के किशोर संप्रेषण केंद्र में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक भागचंद को अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हो गए हैं. 28 अगस्त को अटारी बॉर्डर से वतन वापसी करवाई जाएगी. भागचंद कोली को केंद्र के लोगों ने परिवार के सदस्य की तरह विदाई दी. पुलिस की टीम भागचंद कोहली को लेकर अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हो गई है.

बता दें, 9 सितंबर 2019 को भागचंद भारतीय सीमा में घुस आया था, जिसके बाद ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया था. उसके बाद सीमा सुरक्षा बल ने पूछताछ के बाद सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया था. जहां पर कई दिनों तक पूछताछ चली और उसके बाद पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दिया गया था.

Last Updated : Aug 26, 2021, 5:36 PM IST

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