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कांजी हाउस में गोवंश की मौत के मामले में बोले पचपदरा विधायक- दोषियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई...

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Published : Apr 20, 2022, 10:55 PM IST

बालोतरा में कई गोवंश की मौत को लेकर पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने कहा है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी (Pachpadra MLA demands strict action in cows death case) चाहिए. प्रजापत ने कहा कि कई गोवंश की मौत के मामले में जवाबदारों ने चुप्पी साध रखी है. विधायक ने कहा कि इस मामले को लेकर बालोतरा नगर परिषद की जल्द से जल्द बोर्ड मीटिंग बुलाई जाए.

Pachpadra MLA demands strict action in cows death case
कांजी हाउस में गोवंश की मौत के मामले में बोले पचपदरा विधायक

बालोतरा (बाड़मेर). जिले के बालोतरा कांजी हाउस में बड़ी संख्या में गोवंश की मौत के मामले में पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कहा कि कांजी हाउस में कई गोवंश की मौत हो गई (Pachpadra MLA press meet on cows death case) है. इस मामले में पक्ष और विपक्ष दोनों को राजनीति के इतर दोषियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए. उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.

मदन प्रजापत ने कहा कि कई गोवंश की मौत के मामले में जवाबदारों ने चुप्पी साध रखी है. प्रजापत ने कहा कि इसमें जो भी अधिकारी, कर्मचारी या जनप्रतिनिधि दोषी हो, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. उनका दावा है कि यह गौशाला रजिस्टर्ड नहीं है. उन्होंने कहा कि नियम है कि 7 दिन से ज्यादा किसी को अंदर नहीं रख सकते तो ये किसने आदेश दिया कि 3 महीनों तक गोवंश को वहां पर रखा और रखने के बाद जवाबदारी से काम नहीं किया. लापरवाही के कारण भूख और गंदे पानी की वजह से गोवंश की मौत हुई. प्रजापत ने कहा कि इस मामले को लेकर बालोतरा नगर परिषद की जल्द से जल्द बोर्ड मीटिंग बुलाई जाए.

पढ़ें:कांजी हॉउस में गोवंशों की मौत मामले में गिरी गाज, आयुक्त और एसआई निलंबित

गौरतलब है कि जिले के बालोतरा में कुछ दिन पहले कांजी हाउस में बड़ी संख्या में गोवंश के मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करने के निर्देश किए थे. जांच कमेटी ने नगरपरिषद आयुक्त शिवपाल सिंह, सफाई निरीक्षक ओमप्रकाश को दोषी माना. जिसके चलते लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों पर गाज गिरी.

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