बाड़मेर.प्रदेश की गहलोत सरकार में अब 1000 करोड़ रुपए का खनन घोटाला सामने आया है. सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री और बाड़मेर-जैसलमेर सांसद कैलाश चौधरी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है.
कैलाश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में खनन विभाग की ओर से चूना पत्थर को संगमरमर बता कर 1000 करोड़ रुपए की खान सिर्फ 5 करोड़ रुपए में आवंटित कर दी गई. यह राज्य की कांग्रेस सरकार के संरक्षण के बिना कतई संभव नहीं था.
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कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान संसाधनों की खरीद में हुए घोटाले के बाद अब सामने आया यह खनन घोटाला गहलोत सरकार की नीति और नीयत दोनों में खोट को दिखाता है. जनहित और विकास को छोड़ सरकार के नुमाइंदे सिर्फ अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं. कैलाश चौधरी ने कहा कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि जनता के पैसों को लूटने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सच्चाई जनता के सामने उजागर हो सके.
चौधरी के अनुसार प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने संसाधनों की लूट का खुला खेल खेलते हुए खनन विभाग में एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार खान आवंटन मामले में हुई गंभीर अनियिमितता पर लीपापोती करना चाहती है. उन्होंने कहा कि भाजपा अब इस सम्पूर्ण घोटाले की सीबीआई जैसी स्वतंत्र व उच्च स्तरीय जांच एजेंसी की जांच मांग कर रही है क्योंकि इतने बड़े घोटाले को अंजाम देने के लिए प्रशासन को राजनैतिक स्वीकृति प्राप्त थी.
कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार सम्पूर्ण अनियमितता में राजनैतिक उत्तरदायित्व को स्वीकार करने से बचना चाहती है. समस्त प्रदेश भाजपा राज्य में कांग्रेस की गहलोत सरकार की ओर से खान के आवंटन में राजनैतिक एवं प्रशासनिक स्तर पर की गई धांधली की विस्तृत जांच की मांग करती है.
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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अवैध खनन में लगे सरकार के नुमाइंदे 'मौसेरे भाई' हैं. कांग्रेस केंद्र में रहकर घोटालों के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अब राज्य में अपनी परंपरा निभा रही है.
सोमवार को अपने बयान में शेखावत ने कहा कि सोचिए राज्य के खनन विभाग ने किसके इशारे पर लाइम स्टोन को मार्बल बता दिया? राज्य को तो 1 हजार करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान हुआ, लेकिन ये रकम किसके पास गई होगी? उन्होंने कहा कि दूसरी सूचना है कि कांग्रेस विधायक के बेटे से अवैध खनन के मामले में 273 करोड़ रुपए की वसूली के लिए कोर्ट में अपील नहीं की जाएगी. साफ है कि गहलोत सरकार ही खनन माफिया चला रही है.