बाड़मेर. जिले में नर्सिंग छात्र संगठन के बैनर तले नर्सिंग स्टूडेंट्स ने बुधवार को भर्तियों में लिंगभेद का विरोध करते हुए जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. नर्सिंग स्टूडेंट्स एम्स जैसे संस्थानों में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर 80 फीसदी फीमेल और 20 फीसदी मेल की भर्ती किए जाने का विरोध कर रहे हैं. नर्सिंग स्टूडेंट्स ने इसे संविधान के विरुद्ध बताकर ऐसी भर्ती को रद्द किए जाने की मांग की है.
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नर्सिंग छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष हुकमाराम गोदारा ने बताया कि एम्स जैसे संस्थानों में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर 80 फीसदी फीमेल और 20 फीसदी मेल की भर्ती किए जाने का प्रस्ताव संविधान के विरुद्ध और भेदभावपूर्ण है. इसे तत्काल वापस लेकर पहले की तरह ही एक समान अवसर प्रदान किए जाए, क्योंकि मेल और फीमेल एक समान पढ़ाई करते हैं. साथ ही हमारे देश के संविधान में भी लिंग आधारित भेदभाव अस्वीकार है. साथ ही मेडिकल के अन्य क्षेत्रों (जैसे- एमबीबीएस की पढ़ाई आदि) में मेल और फीमेल के लिए एक समान अवसर है. ऐसे में नर्सिंग क्षेत्र में भेदभाव बंद कर एक समान अवसर दिया जाना चाहिए.
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हुकमाराम गोदारा ने कहा कि पहले भी नर्सिंग छात्र संगठन ने इस भेदभाव पूर्ण प्रस्ताव को वापस लेने के लिए देशभर में कई बार प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. लेकिन, अभी तक इस भेदभाव पूर्ण प्रस्ताव को वापस नहीं लिया गया है और एम्स में नर्सिंग ऑफिसर की भर्ती भी निकाली गई है. इसे देखते अब भी प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है कि इस भेदभावपूर्ण और संविधान विरुद्ध प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने के बाद ही भर्तियां निकाली जाए. हाल ही में निकाली गई भर्ती को रद्द किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो नर्सिंग छात्र संगठन उग्र प्रदर्शन करते हुए संसद का घेराव करेंगे.