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लोगों की ललकार!..सिवाना के ग्रामीण बोले 'पानी नहीं तो वोट नहीं'

बाड़मेर के सिवाना कस्बे के ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसके बाद लोगों ने साफ शब्दों में सरकार को चेताया कि अगर उनको पानी नहीं मिला, तो वो आगामी पंचायत चुनाव में वोट भी नहीं देंगे. देखिए बाड़मेर से स्पेशल रिपोर्ट ...

Movement for water demand, Siwana Barmer news
पानी की मांग को लेकर आंदोलन

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Published : Jan 20, 2020, 7:46 PM IST

Updated : Jan 20, 2020, 10:22 PM IST

सिवाना (बाड़मेर).कस्बे में लंबे समय से पानी की समस्या से जूझते ग्रामीणों का आखिरकार धैर्य टूट गया. समस्या समाधान के लिए ग्रामीणों ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' देने की बात कहते हुए बैठक कर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार के ज्ञापन सौंपा. संघर्ष समिति ने इससे पहले अंहिसात्मक रूप से नहरी पानी की मांग को लेकर सिवाना कस्बे के बस स्टैंड से उपखंड कार्यालय तक मौन रैली निकाली.

बाड़मेर के सिवाना कस्बे में पानी की मांग को लेकर आंदोलन

लोगों ने किया संघर्ष समिति का गठन
बता दें कि इससे पहले बैठक में उपस्थित छतीस कौम के लोगों ने संघर्ष समिति का गठन किया गया. वहीं कमेटी के निर्णय के अनुसार आमजन की ओर से सोमवार को उपखंड अधिकारी के नाम पानी की समस्या के समाधान के लिए ज्ञापन दिया. ज्ञापन में प्रशासन को 15 दिन में समस्या समाधान के लिए समय सीमा दी गयी है. इस दौरान प्रशासन की तरफ से कोई हल नहीं होने की स्थिति में कस्बे में अनिश्चितकालीन कस्बा बंद और धरना प्रदर्शन कर पंचायती राज चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है.

अपनी मांगों को लेकर संघर्ष समिति की बैठक

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5 सालों से पानी की किल्लत बरकरार
बता दें कि बाड़मेर जिले में सिवाना कस्बे में करीब 5 वर्षों से पानी की किल्लत बनी हुई है. सिवाना क्षेत्र विधानसभा क्षेत्र होने के साथ ही उपखण्ड मुख्यालय है. जहां करीब 40 हजार से अधिक की आबादी है. फिर भी सिवाना क्षेत्र में पानी की समस्या बनी हुई है. वहीं ज्ञापन में बताया की क्षेत्र का भूजल स्तर रसातल में पहुंच जाने के कारण जलदाय विभाग, सिवाना की ओर से खुदवाई हुई सभी ट्यूबवेलों में पानी का स्तर लगभग समाप्त हो गया है. वर्तमान सर्दी के मौसम होने के बावजूद भी महीने में सिर्फ एक दो बार ही पानी की सप्लाई दी जाती है. जो दैनिक उपयोग के लिए अपर्याप्त है. वहीं लोगों ने ये भी बताया कि जब आम लोग विभाग को अपनी समस्या बताने जाते है तो विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना रहता है कि क्षेत्र में पानी नहीं है. तो कहां से उपलब्ध करवाएं.

सरकार और प्रशासन के खिलाफ रैली

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परियोजना का पानी आज तक नहीं पहुंचा
वहीं ग्रामीणों ने बताया की साल 2003 में स्वीकृत पोकरण-फलसूंड-बालोतरा- सिवाना परियोजना का पानी आज दिन तक करोड़ों रुपए व्यय होने के बावजूद सिवाना कस्बे तक नहीं पहुंचा है. जबकि महज सिवाना से 10 किमी दूर तक पाइपलाइन बिछी हुई है. वहीं सिवाना क्षेत्र के पादरडी कल्ला में जल संग्रहण के लिए काम भी शुरू हो गया था. जो पिछले करीब 1 साल से बंद है. जिसके कारण पानी के संग्रहण के लिए कोई उचित उपाय नहीं है. सरकार की ओर से जारी स्वीकृत पोकरण-फलसूण्ड-बालोतरा- सिवाना परियोजना का विधिवत कार्य जल्दी पूरा कर सिवाना कस्बेवासियों को राहत देने की बात भी कही. साथ ही लोगों ने बताया की जब योजना का काम पूरा नहीं हो तब तक के लिए वैकल्पिक रूप परियोजना से छोटी पाइप लाइन लगाकर कस्बे तक पानी की आपूर्ति की जाए, ताकि अस्थाई रूप से समस्या का समाधान हो सकें.

सिवाना उपखंड अधिकारी को सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन

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अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
वहीं संघर्ष समिति के सदस्यों ने अपने ज्ञापन में बताया कि अगर कस्बे में पानी की समस्या को लेकर 15 दिन के भीतर समस्या का हल नहीं हो पाया तो सभी लोग मिलकर अनिश्चितकालीन सिवाना कस्बा बन्द और धरना प्रर्दशन करेंगे, साथ ही प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि आगामी पंचायती राज चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. जिसकी पूर्ण जिम्मेवारी प्रशासन की रहेगी.

Last Updated : Jan 20, 2020, 10:22 PM IST

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