बाड़मेर.कोविड-19 से लड़ने के लिए भामाशाह आगे आकर सैनिटाइजर मशीनें लगा रहे हैं. लेकिन, चिकित्सा विभाग की माने तो शहर में लगाई जाने वाली सैनिटाइजर मशीन केवल मात्र फैंसी है, इससे अच्छा है भामाशाह मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाएं, ताकि आमजन इसका इस्तेमाल कर कर खुद को सुरक्षित रख सके.
सैनिटाइजर चेंबर के प्रयोग से हो सकता है त्वचा का रोग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी ने बताया कि कोरोना के इस मुश्किल के वक्त में बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दे रहे भामाशाह ने आगे आकर शहर में कई जगह सैनिटाइजर मशीन भी लगवा रहे हैं. पढ़ेंःदर्द ही दर्द...! बेबस पाक विस्थापित भूखमरी में दिन गुजारने को मजबूर
उन मशीनों से दावा किया जा रहा है कि चेंबर में जाने से व्यक्ति पूरी तरह से सैनिटाइज हो जाता है और पूरी तरह से वायरस से मुक्त हो जाता है. ऐसा कतई नहीं है उन्होंने कहा कि इसमें सोडियम हाइड्रोक्लोराइड का कम मात्रा में और छोटे से क्षण के लिए डाला जाता है. इससे वायरस नष्ट नहीं होता है और अगर ज्यादा मात्रा में सोडियम हाइड्रोक्लोराइड डाला जाए तो वह मनुष्य के लिए बालों के त्वचा के कपड़ों के लिए हानिकारक होता है.
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उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर चेंबर में जाने के बाद लोग समझते हैं कि वे पूरी तरह से सैनिटाइजर हो गए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता है. उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से इस तरह के सैनिटाइजर चेंबर लगाने से बेहतर है कि भामाशाह एन95 मास्क और सैनिटाइजर का वितरण करें ताकि लोग इसका इस्तेमाल कर सुरक्षित रह सके.