बाड़मेर. बाड़मेर से चलकर दिल्ली को जाने वाली मालाणी एक्सप्रेस को रेलवे की ओर से आगामी 15 मार्च से बंद करने के आदेशों के बाद से ही बाड़मेर वासियों में जबरदस्त तरीके से आक्रोश देखने को मिल रहा था. लोग लगातार मालाणी के बंद करने को फैसले का विरोध कर रहे थे. जिसके चलते रेलवे ने मालाणी एक्सप्रेस को बंद करने के फैसला का आदेश निरस्त कर दिया है. जिसके बाद लोगों में खुशी की लहर है.
मालाणी एक्सप्रेस के संचालन जारी रखे जाने के निर्णय के बाद बाड़मेर के लोगों ने की आतिशबाजी वहीं मालाणी एक्सप्रेस की एवज में दी जाने वाली मंडोर एक्सप्रेस का संचालन शुरू करने के फैसले को भी वापस ले लिया. जिसके चलते बाड़मेर वासियों में निराशा है. क्योंकि, बाड़मेर जिला रेलवे सुविधाओं की लिहाज से काफी पिछड़ा हुआ है.
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मालाणी एक्सप्रेस के संचालन को यथावत रखने के आदेशों के बाद बाड़मेर के लोगों में बेहद खुशी है. रेलवे द्वारा मालाणी एक्सप्रेस को यथावत शुरू रखने की फैसले के बाद पहली बार मालाणी के आगमन पर बाड़मेर में मालाणी बचाओ संघर्ष समिति की कार्यकर्ताओं और आमजन ने बाड़मेर रेलवे स्टेशन के बाहर आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की और मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया.
मालाणी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक आजाद सिंह राठौड़ ने बताया कि मालाणी एक्सप्रेस मारवाड़ की पहचान है. जिसे केंद्र सरकार ने बंद करने का निर्णय लिया था. उनका आमजन से लेकर विभिन्न प्रकार के सामाजिक संगठनों ने विरोध कर सरकार पर दबाव बनाने का कार्य किया. जिसका परिणाम यह हुआ कि मालाणी एक्सप्रेस को यथावत रखा गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मालाणी एक्सप्रेस की एवज में शुरू की जाने वाली मंडोर एक्सप्रेस को भी बंद करने का फैसला गलत है.
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उन्होंने कहा कि बाड़मेर जिला सबसे ज्यादा रेवेन्यू देता है. उसके बावजूद भी यहां आवागमन के लिए रेल सुविधा बेहद कम है और फिर भी ये सरकार जो सेवाएं चल रही है, उन्हें बंद करने का काम कर रही है तो नई ट्रेनों की उम्मीद करना भी गलत होगा.