बाड़मेर. देश के कद्दावर नेताओं में से एक पूर्व वित्त, विदेश और रक्षामंत्री जसवंत सिंह जसोल का निधन तीन पहले हो गया. उसके बाद से लगातार उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने और श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में उनके गृहजिले बाड़मेर में लोक कलाकारों ने स्वर्गीय जसवंत सिंह जसोल की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करके दो मिनट का मौन रखा और अपने संगीत के जरिए जसवंत सिंह जसोल को श्रद्धांजलि दी.
इस दौरन अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकारों ने जसवंत सिंह के साथ बिताए गए, पलों को साझा करते हुए उनके साथ की गईं विदेश यात्रा के बारे में भी बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सिंह ने हमे हमेशा अपने परिवार का सदस्य माना और बहुत प्यार स्नेह दिया. कई बार हमें अपने साथ विदेश यात्रा पर भी ले गए. उन्होंने कहा कि सिंह ने लोक संगीत को बढ़ाने में भी अपना योगदान दिया.
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बाड़मेर मालानी के सपूत जसवंत सिंह जसोल का छः वर्ष कोमा में रहने के बाद तीन दिन पूर्व स्वर्गवास हो गया. इस गमगीन घड़ी को बाड़मेर वासियों के लिए ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के लिए भुलाना संभव नहीं है. जसोल ने कालापानी कहे जाने वाले बाड़मेर जिले की धरा को हर संभव, असम्भव सुविधाए मुहैया करवाकर खरा सोना बनाने में अहम भूमिका निभाई है.
वहीं वित्त, विदेश और रक्षा मंत्रालय में अपनी सेवाओं से गौरवान्वित किया है. इसी कड़ी में बाड़मेर-जैसलमेर के लोक कलाकारों ने स्वर्गीय जसवंत सिंह जसोल की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा और अपने सुरों के माध्यम से यादों की प्रस्तुति देकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार पद्मश्री अनवर खान बईया ने कहा कि मालाणी के सपूत दाता जसवंत सिंह जसोल के निधन से बाड़मेर ही नहीं पूरे हिंदुस्तान को क्षति हुई है. जिसकी कमी पूरी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि जासोल ने लोक कला के साथ लोक कलाकारों के लिए भी कई अहम कदम उठाए. उन्होंने बताया कि कई बार जसवंत सिंह के साथ विदेश यात्राओं पर भी गए और हम लोग भारत से पाकिस्तान हिंगलाज यात्रा में भी उनके साथ गए थे.