बाड़मेर. बीते एक महीने से रेगिस्तान में भीषण गर्मी का कहर जारी था. कई बार पारा 48 से 50 डिग्री के आस पहुंच गया था. लेकिन मंगलवार सुबह से ही रेगिस्तान के लोगों को गर्मी से राहत मिली. मौसम बड़ा सुहावना नजर आया और बूंदाबांदी का दौर जारी रहा. पारा भी कम से कम पांच से सात डिग्री तक नीचे आ गया.
आमतौर पर यह देखा जा रहा था कि बीते एक महीने से दोपहर में 12 बजे से लेकर पांच बजे के बीच में सड़कें सुनसान हो जाती थी. लेकिन मंगलवार को सड़कों पर आमजन की भीड़ देखी गई. सुबह की बूंदाबांदी के साथ ही किसानों को एक नई उम्मीद जगी है की इस बार बारिश जल्दी हो जाए तो पशुधन बच जाएगा.
बाड़मेर और जालौर में रिमझिम बारिश से मौसम हुआ सुहावना वहीं मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिन तक बाड़मेर में बारिश का दौर जारी रह सकता है. जब लोग सुबह उठे तो मौसम ऐसा था कि जैसे कुल्लू मनाली के मौसम की तरह था. हल्की बूंदाबांदी का दौर चल रहा था. वहीं पहाड़ों को बूंदाबांदी ने अपने आगोश में ले रखा था.
गौरतलब है कि मौसम विभाग एक दिन पहले यह चेतावनी दी थी कि प्री- मानसून के चलते रेगिस्तानी इलाकों में बूंदाबांदी के साथ ही तेज आंधी का दौर चल सकता है. इसी के असर के चलते सुबह से ही बूंदाबांदी का दौर चलता रहा.
जालौर के रानीवाड़ा कस्बे में हुई रिमझिम बारिश
रानीवाड़ा कस्बे सहित आसपास के गांवों में रिमझिम बारिश का दौर रहा. गर्मी और उमस से बेहाल लोगों को बारिश से राहत मिली. बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे. दिन भर रुक-रुककर हुई बारिश ने मंगलवार का दिन सुहावना और मस्ती भरा बना दिया. रानीवाड़ा वासियों को न सिर्फ उमस भरी गर्मी से निजात मिली. बल्कि तापमान में भी आंशिक गिरावट दर्ज की गई.
सुबह से ही मौसम का मिजाज नरम था. सोमवार रात भी कई जगह हल्की बारिश हुई थी. मंगलवार सुबह भी यह दौर जारी रहा. सूर्य देव निकले भी तो कुछ ही देर बाद बादलों ने उन्हें अपनी ओट में लेना शुरू कर दिया. दोपहर को रिमझिम फुहारों का दौर एक बार आरंभ हुआ. वह फिर देर शाम तक चलता रहा. यही वजह रही की तापमान भी कुछ नीचे आ गया.
किसानों के खिले चेहरे
रानीवाड़ा क्षेत्र के कई गांवों में पिछले तीन चार दिनों से रिमझिम बारिश का दौर जारी है. इससे क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने खरीफ फसल की बुवाई कर ली थी. मगर क्षेत्र के शेष बचे कई गांवों में पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई नहीं की थी. मगर अब क्षेत्र में पर्याप्त बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं.