बाड़मेर. शहर के अंतरी देवी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार को गार्गी पुरस्कार एवं बालिका प्रोत्साहन समारोह के साथ ही किशोर किशोरी स्वास्थ्य दिवस एवं कोरोना जानकारी के लिए कार्यशाला आयोजित की गई. बाड़मेर ब्लॉक स्तरीय गार्गी पुरस्कार एवं बालिका प्रोत्साहन समारोह का आयोजन अंतरी देवी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बाड़मेर में विमिता सिंह मजिस्ट्रेट एस सी कोर्ट, मूलाराम चौधरी सीडीईओ की अध्यक्षता और कृष्ण सिंह सीबीईओ तथा लक्ष्मी बक्तानी प्रिंसिपल राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मालगोदाम रोड विशिष्ट अतिथि में आयोजित किया गया.
कार्यक्रम संयोजिका अनिता चौधरी ने बालिकाओं के प्रोत्साहन के लिए चलाई जा रही सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला. कृष्ण सिंह रानीगांव ने ऐसे कार्यक्रमों में महिला अधिकारियों को बुलाने की बात कही. मूलाराम जी बैराड सीडीईओ बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही. मुख्य अतिथि बमीता सिंह ने बालिकाओं को कानूनी संरक्षण के बारे में जानकारी दी.
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वहीं इससे पहले अंतरीदेवी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बाड़मेर में किशोर किशोरी स्वास्थ्य एवं कोरोना वायरस संबंधी जानकारियां के लिए डॉक्टर खेताराम सोनी, सहायक आचार्य, स्त्री रोग विशेषज्ञ के मुख्य अतिथित्य तथा अनिता चौधरी प्रिंसिपल की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें खेताराम सोनी ने कोरोना संबंधी जानकारी, एवं किशोरावस्था में बालिकाओं में होने वाले परिवर्तन, एनीमिया, स्त्री संबंधी समस्याओं आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला. इस अवसर पर क्विज प्रतियोगिता एवं कोरोना पर निबंध प्रतियोगिता भी की गई और पुरस्कार भी बांटे गए.
आर्य समाज ने बसंत पंचमी मनाया
शहर के इंदिरा कॉलोनी स्थित श्रीयादे भवन में मंगलवार को आर्य समाज द्वारा बसंत पंचमी का त्योहार मनाया गया. इस अवसर पर एक वृहद यज्ञ किया गया, जिसमें पर्व विशेष आहुतियां नगाराम और उनकी धर्मपत्नी कमला प्रजापत और रावताराम और उनकी धर्मपत्नी नोजी ने यज्ञ में आहुति दी. वहीं आर्य समाज के प्रधान महेंद्र कुमार खत्री ने कहा कि आजकल के लोग वैदिक संस्कृति को भुला रहे हैं. उन्होंने कहा कि आजकल के बच्चे माता-पिता और आचार्य को वह सम्मान नहीं दे पाते, जिनके वे हकदार होते हैं. आचार्य सन्यासी स्वामी चेतना नंद जी (पिपराली वाले) ने उपस्थित लोगों को कहा कि महर्षि दयानंद जी के जो उपकार हमारे ऊपर है, उसे तभी उतारा जा सकता है, जब हम अपने बच्चों में यह संस्कार डालेंगे.