बाड़मेर. शहर से गुजर रहे नेशनल हाइवे के दक्षिण पूर्व की तरफ 30 साल पहले बसी आबादी को नगर परिषद में शामिल किए जाने की मांग बीते कई सालों से की जा रही थी. वहीं साल 2018 में सरकार ने इन कॉलोनियों को नगर परिषद में शामिल करने के आदेश भी जारी कर दिए थे. लेकिन प्रदेश में गहलोत सरकार बनते ही इन आदेशों को निरस्त कर दी. इसको लेकर कॉलोनी वासियों में भारी रोष व्याप्त हैं.
गहलोत सरकार द्वारा एक आदेश को निरस्त करने का बाड़मेर में विरोध, जिला मुख्यालय रहा बंद - Baldev Nagar, Tilak Nagar and Vishnu Nagar Colony
बाड़मेर में 30 साल पहले बसे कुछ कॉलोनियों के लोग नगर परिषद में शामिल होने की मांग बीते कई सालों से कर रहे हैं. इसको लेकर कॉलोनीवासियों ने आदेश भी जारी करवा लिए थे. गहलोत सरकार के बनते ही उन आदेशों को खारिज कर दिया गया. इसके चलते शनिवार को लोगों ने शनिवार को शहर बंद रखा.
आबादी सीमा विस्तार समिति बाड़मेर पिछले कई दिनों से अपनी मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन दे रही थी. लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई, जिसके चलते शनिवार को समिति की ओर से बाड़मेर बंद का आह्वान किया गया. इस बंद के दौरान शहर के अधिकांश हिस्सों में बंद सफल रहा. समिति के लोगों ने दोपहर 12 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया. साथ ही बताया कि सरकार ने पहले ही आदेश निरस्त कर दिया है.
वहीं लोगों ने बताया कि यदि सरकार ने निरस्त किया गया आदेश वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. बलदेव नगर, तिलक नगर और विष्णु नगर सहित अन्य कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि साल 1990 के करीब यह कॉलोनियां बसी थीं. यहां के लोग लगातार नगर परिषद से यह मांग कर रहे थे की उनको नगर परिषद सीमा में शामिल किया जाए.
जबकि गेहूं रोड, गडरा रोड जोगियों की देवी मां और बारोट सहित कई कॉलोनियां पिछले 12 साल में विकसित हुई हैं. उनको नगर परिषद सीमा में शामिल कर दिया गया है. लोगों का आरोप है कि राजनीतिक कारणों से इन कॉलोनियों को वंचित रखा गया है. अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करेगी तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे.