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दुखों का पहाड़ कितना भी बड़ा हो, मदद के हाथ उसे छोटा कर देते है, बाड़मेर में दिखी सोशल मीडिया की ताकत - Rajasthan Hindi News

बाड़मेर में बेटियों की शादी से पहले सिलेंडर फटने से घर में आग लग गई थी. जिसकी वजह से घर का सारा सामान जलकर राख हो गया था. इस घटना के पीड़ित परिवार के लिए सोशल मीडिया मददगार बना और शादी में सहायता की.

marriage of daughters in Barmer
marriage of daughters in Barmer

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Published : May 15, 2023, 11:37 AM IST

बाड़मेर.जिले में दो बेटियों की शादी की खुशियां घर में चल रही थी. इसी दौरान 10 मई को अचानक घर में गैस सिलेंडर लीकेज होने के बाद एक के बाद एक तीन गैस सिलेंडर फटने से घर में बेटियों की शादी के लिए रखा सामान पूरी तरह से जलकर तबाह हो गया. इस घटना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. इस पीड़ित परिवार की मदद के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू हुई ओर महज 72 घंटों में दो बेटियों की शादी के लिए बताया जा रहा है कि 13 लाख रुपए जुटाए गए. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने अपनी दोनों बेटियों की शादी की.

बाड़मेर के चौहटन के साइयों का तला गांव निवासी बाबूलाल पुत्र जेठाराम के घर पर उनकी दो बेटियां मली और मांगी की 13 मई को शादी होने वाली थी. शादी को लेकर घर में कार्यक्रम चल रहे थे. इसी दौरान 10 मई को घर में चाय बनाते वक्त अचानक गैस लीकेज की वजह से गैस सिलेंडर विस्फोट हो गया और घर में देखते ही देखते आग लग गई. जिसके बाद घर में रखे दो अन्य गैस सिलेंडर भी फट गए और घर में चारों तरफ आग ही आग फैल गई लोगों ने जैसे-तैसे बाहर निकल कर अपनी जान बचाई.

इस आगजनी की घटना में घर पर राशन से लेकर दुल्हनों के शादी के कपड़े और जेवरात और नगदी जलकर राख हो गई थी. इस घटना के बाद पीड़ित परिवार पूरी तरह से टूट चुका था, लेकिन लोगों ने मानवीय सरोकार निभाते हुए सोशल मीडिया के जरिए मदद के हाथ आगे बढ़ाएं.

पढ़ें : Fire in Barmer: शादी की खुशियों में पड़ा खलल, एक के बाद एक 3 गैस सिलेंडर फटे, घर में लगी भीषण आग, लाखों का हुआ नुकसान

तय समय पर हुई बेटियों की शादी : इधर सोशल मीडिया के जरिए लोग बाबूलाल के परिवार की मदद के लिए लोग आगे आए और जिसकी बदौलत तय समय और शुभ मुहूर्त में दोनों बेटियों की शादी संपन्न हुई और उन्हें सुसराल के लिए विदा किया. बता दें कि गैस सिलेंडर विस्फोट के बाद लगी आग में सब कुछ गवा चुके बाबूलाल के परिवार के साथ लोग सदमे में अस्पताल पहुंच गए, लेकिन लोगों ने मानवीय सरोकार निभाते हुए इस परिवार की हिम्मत को टूटने नहीं दिया और सोशल मीडिया के जरिए 8 ग्रुप बनाए गए जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया. जिसके बाद किसी ने टेंट तो, किसी ने बर्तन ओर किसी ने भोजन तो किसी ने कुछ इस तरह से लोगों ने अलग- अलग जिम्मेदारियां लेते हुए शादी के इंतजाम किया.

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