बाड़मेर.जोधपुर संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा शनिवार को बाड़मेर के दौरे पर रहे थे. इस दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा राजकीय चिकित्सालय अपने अव्यवस्थाओं और प्रशासनिक उदासीनता की चादर से शायद बाहर नहीं निकलना चाहता है.
संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा के दौरे और निरीक्षण के दौरान उन्होंने निशुल्क दवा एवं निशुल्क जांच योजना का शत-प्रतिशत लाभ आम जनता को देने के निर्देश दिए थे. लेकिन उनके निर्देशों के महज 24 घंटे बाद से ही मरीजों के परिजनों को जांच के लिए बाहर की लैब में जाने को मजबूर नजर आ रहे हैं.
बाड़मेर की राजकीय अस्पताल में रविवार को मरीजों जांच के लिए निजी लबों में जाने को मजबूर है. जिला अस्पताल के मेल वार्ड में शनिवार शाम को 40 वर्षीय देवीलाल को भर्ती किया गया. वहीं, रविवार को डॉक्टर ने ब्लड सहित कई जांचे लिखी. इसके बाद उसके सैंपल को लेकर मरीज के परिजन राजकीय अस्पताल के चक्कर लगाते नजर आए. दरअसल, देवीलाल के ब्लड का सैंपल लेकर उसके परिजन जांच केंद्र पहुंचे तो लेबोरेट्री में कार्यरत कार्मिकों ने इसे वार्ड बॉय का काम कहकर उन्हें चलता कर दिया. जब मरीज के परिजन वापस अपने वार्ड पहुंचे और वार्ड बॉय से बात की तो वार्ड बॉय ने ब्लड के सैंपल लेकर फिर से लेबोरेट्री पहुंचा दिया. लेकिन तब तक लेबोरेट्री बंद हो चुकी थी. इसके बाद मरीज के परिजन हाथों में ब्लड के सैंपल लिए इधर-उधर घूम रहे थे.