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गहलोत सरकार प्रदेश में पानी की समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैः कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बुधवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार प्रदेश में पानी की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है.

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कैलाश चौधरी

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Published : May 27, 2020, 10:16 PM IST

बाड़मेर. पूरा देश इस समय वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन लगाया गया है. इस दौरान सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद रहे. लेकिन इस संकट के बीच भी देश में किसान खेतों में लगातार काम करते रहे. देश में अभी लॉकडाउन 4.0 चल रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से कुछ छूट दी गई है, लेकिन इस छूट के बाद भी किसानों को खाद, बीज आदि खेती से जुड़ी जरूरी चीजों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को ईटीवी भारत ने केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी से बातचीत की.

टिड्डी नियंत्रण की जिम्मेदारी दोनों की...

टिड्डी नियंत्रण की जिम्मेदारी दोनों की...

कैलाश चौधरी ने कहा कि टि्ड्डी को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों की है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के करीब 8 जिलों में जब पिछली बार टिड्डी आई थी तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने जाकर वहां छिड़काव किया था और इस दौरान किसानों ने भी सहयोग किया था.

राजस्थान सरकार को केंद्र सरकार की ओर से 14 करोड़ रुपए टिड्डी नियंत्रण के लिए स्वीकृत कर दिया गया है. साथ ही 800 ट्रैक्टर हायर करने की भी अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है, जिससे कि ट्रैक्टर के माध्यम से छिड़काव कर टिड्डी पर नियंत्रण किया जा सके. साथ ही 3 लाख लीटर पेस्टीसाइड हमारे स्टॉक में है और आगे अगर ज्यादा जरूरत पड़ेगी तो वह भी उपलब्ध है.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से केद्र सरकार पर लगाए गए आरोप पर उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को एक बार एक्ट पढ़ना चाहिए और राजस्थान में टिड्डी के नियंत्रण के लिए जो प्रदेश सरकार की जो जिम्मेवारी है उसका निर्वहन करना चाहिए.

गहलोत सरकार पानी की समस्या पर गंभीर नहीं

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार पानी की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को पिछले साल केंद्र सरकार की ओर से 700 करोड़ रुपए दिए गए थे. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी गहलोत सरकार ने एक रुपया खर्च नहीं किया.

गहलोत सरकार पानी की समस्या पर गंभीर नहीं

राजस्थान सरकार को इसके बाद भी इस वर्ष केंद्र सरकार की ओर से 700 करोड़ रुपए दिया गया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के पास इसके लिए कुल 1400 करोड़ रुपए हो गए हैं, लेकिन सरकार इसपर कुंडली मारकर बैठी है.

निर्धारित समय के अंदर ही रिफाइनरी होगी स्थापित

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाड़मेर में जो रिफाइनरी का कार्य है वह लेट हो गया है. उन्होंने कहा कि बाड़मेर में रिफाइनरी के लिए 2006 में जब वसुंधरा राजे की सरकार थी तभी भी जमीन का चयन किया गया था. उन्होंने कहा कि इसके बाद 5 साल प्रदेश में गहलोत की सरकार रही, लेकिन इन 5 सालों में कुछ नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि उसके बाद जब फिर से जब वसुंधरा की सरकार आई तो काम को आगे बढ़ाया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस काम का शिलान्यास भी करवाया गया.

निर्धारित समय के अंदर ही रिफाइनरी होगी स्थापित

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उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट 56 हजार करोड़ रुपए का है और अभी भी इसका काम शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस रिफाइनरी का मैं खुद ही मॉनिटरिंग भी कर रहा हूं. लॉकडाउन के कारण रिफाइनरी के काम के कारण काम में थोड़ी देरी हुई, लेकिन अभी फिर से इसका कार्य गति में है और अपने निर्धारित समय के अंदर ही रिफाइनरी स्थापित होगी.

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