बाड़मेर. निजी टेलीकॉम कंपनी में कार्यरत एक टैक्नीशियन की करंट लगने से गुरुवार दोपहर को मौत हो गयी थी. 24 घंटे से मृतक का शव जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है. मोर्चरी के बाहर परिजनों और समाज के लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुटना शुरू हो गयी है. जो आर्थिक मुआवजा सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर मोर्चरी के आगे धरने पर बैठ गये हैं.
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मृतक निजी टेलीकॉम कंपनी में केबल बिछाने का काम करता था. इस दौरान करंट की चपेट में आने से गुरुवार दोपहर को मौत हो गयी. जिसकी सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. वहीं बीते 24 घंटों से परिजन और समाज के लोग आर्थिक मुआवजा सहित विभिन्न मांगों को लेकर मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. इस पूरे मामले को लेकर बाड़मेर उपखंड अधिकारी रोहित चौहान, डीवाईएसपी महावीर प्रसाद ने मौके पर पहुंचकर लोगों से समझाइश की, लेकिन वो अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.
निजी टेलीकॉम कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी की करंट लगने से मौत परिजनों व समाज के लोगों के अनुसार निजी टेलीकॉम कंपनी की इसमें पूरी तरह से लापरवाही है. मृतक से उपकरणों के अभाव में कार्य करवाया जा रहा था. जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. घटना के 24 घंटे बाद भी कंपनी के अधिकारियों ने मामले में सूध नहीं ली है. परिवार की मांग है कि आर्थिक मुआवजा मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी दिलाने सहित कुछ अन्य मांगे पूरी नहीं होने तक हम शव नहीं उठाएंगे.
मौके पर पहुंचे उपखंड अधिकारी रोहित चौहान ने कोरोना संक्रमण के खतरे का हवाला देते हुए इतनी संख्या में भीड़ नहीं करने को लेकर समझाइश की. शहर कोतवाल प्रेम प्रकाश ने बताया कि गुरुवार दोपहर को केबल बिछाने का कार्य करते वक्त करंट की चपेट में आने से रामकिशन की मौत हो गई थी. जिसके बाद उसके शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया वही परिजन व समाज के लोग विभिन्न मांगों को लेकर बैठे हैं अब तक परिजनों की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है.
परिजनों ने सौंपा ज्ञापन
परिजनों और समाज के लोगों ने मोर्चरी से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पैदल पहुंचकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जबरदस्त तरीके से नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग की.