बालोतरा (बाड़मेर).जिले कीएक महिला व्याख्याता के साथ शादी के बाद अत्याचार करने का मामला सामने आया है. महिला का आरोप है कि उसे बेटा नहीं होने की वजह से ससुराल पक्ष उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. साथ ही महिला ने दहेज प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है. वहीं, पीड़िता ने एसपी से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है.
पीड़िता ने की कार्रवाई की मांग बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सोमवार को एक महिला एसपी के पास फरियाद लेकर पहुंची. जहां महिला ने एसपी आनंद शर्मा को ज्ञापन सौंपकर महिला थाने में दर्ज मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. पीड़ित ने बताया कि उसकी शादी बालोतरा निवासी प्रमोद कुमार के साथ 6 साल पहले हुई थी. इस दौरान हैसियत के अनुसार दहेज दिया गया. शादी के 6 माह बाद ही महिला का व्याख्याता पद पर सिलेक्शन हो गया. उसके बाद से ही पति ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और पैसे की मांग करने लगा.
जिसके बाद उसके पिता ने 5 लाख में एक प्लॉट खरीद कर दिया, लेकिन इससे भी उससे पर अत्याचार बंद नहीं हुए. ससुराल पक्ष बेटा नहीं होने की वजह से मारपीट करते रहे. पीड़िता का आरोप है कि ससुराल वाले उसे मानसिक रूप से भी प्रताड़ित कर रहे हैं.
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पीड़ित व्याख्याता का कहना है कि वह डेढ़ साल बाद जब वापस घर गई तो ससुराल पक्ष ने फिर से मारपीट की. जिसके बाद पीड़िता ने 11 मार्च 2020 को थाने में मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने इस पूरे मामले में सही कार्रवाई नहीं करते हुए सिर्फ पति के खिलाफ चालान पेश किया. जबकि ससुराल के नामजद सभी लोग दोषी हैं, लेकिन पुलिस ने उनके नामों को हटा दिया है.
इस मामले में एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि महिला ने परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि पीड़िता ने दहेज प्रताड़ना और मारपीट के ससुराल पक्ष के लोगों पर आरोप लगाए थे. जब इस मामले के बारे में पता करवाया गया तो तथ्य सामने आए कि पुलिस ने इस मामले में पीड़िता के पति के विरुद्ध चालान करके फाइल कोर्ट में पेश कर दी है. ऐसे में पीड़िता का कहना है कि सास, ससुर, ननद सहित कुछ लोग और भी शामिल थे.
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एसपी का कहना है कि चूकि फाइल कोर्ट में पेश हो चुकी है. ऐसे में एप्लीकेशन लगाकर कोर्ट से पुनः फाइल मंगवानी पड़ेगी. जिसके बाद फाइल को देखेंगे. अगर उसने हमें लगा की दोबारा जांच की आवश्यकता है तो कोर्ट से निवेदन करके इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.