बाड़मेर.जहां पूरा देश 73 वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है, बच्चे हो या बूढ़े सभी लोगो के दिल में सिर्फ देशभक्ति नजर आ रही है और जुबान पर भारत माता की जय का नारा है. वहीं इन सबो के बीच एक ऐसा वाक्या हुआ जिसने सभी का दिल जीत लिया.
दिव्यांग ने सिखाई मुश्किलों में जीने का तरीका जिले के आदर्श स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय मुख्य समारोह में उस वक्त समय थम सा गया जब एक 11 साल के मासूम दिव्यांग बच्चे ने मुश्किलात हालातों में अपनी जान देने वाले लोगों की मानसिकता पर करारा तमाचा जड़ दिया. उसने अपनी प्रस्तुति के दौरान 'लक्ष्य' फिल्म का गाना गाया कंधे से मिलते हैं कंधे कदमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं. वहीं इस गाने की प्रस्तुति के बाद हजारों लोग अपनी जगह पर खड़े होकर तालियां बजाते नजर आए.
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महेश्वरी की प्रस्तुति ने सही मायने में यह बात पुरजोर तरीके से सभी के सामने यह मत रखा कि मुश्किल के नाम पर आत्महत्या करने वाले मुश्किलों का बहाना नहीं बनाते हैं वरना जैसी मुश्किल मेरी जिंदगी में है तो मुझे अभी तक अपनी जान दे देनी चाहिए.
दिव्यांग स्वरूप महेश्वरी जिसने यें अदभूत प्रस्तूति की उसके जन्म से ही हाथ पैर काम नहीं करते और कद से भी बेहद छोटा है, बावजूद इसके उसमें जिंदगी जीने की ललक है जिससे वह हर मुश्किल हसते-हसते पार कर लेता है.
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आयोजन के मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री हरीश चौधरी जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा खुद को रोक नहीं पाए और मैदान में पहुंचकर स्वरूप का हौसला बढ़ाते नजर आए.
आपको बता दे कि है कि पिछले कुछ महीनों से बाड़मेर में लगातार आत्महत्याओ की घटना सुर्खियों में बना हुआ है. आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं के बाद प्रशासन आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई तरीके के कार्यक्रम चला रहा है.