बाड़मेर. नवरात्रि के नवमी तिथि को कन्याओं को भोज कराने की परंपरा है. जिसके चलते सोमवार को शहर भर के घरों में कन्या पूजन किया गया. कन्या पूजन के लिए नवमी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है. नवरात्रि व्रत और उपवास का पर्व नहीं, बल्कि यह नारी शक्ति के सम्मान का भी पर्व है. इसलिए नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं का पूजन और भोजन कराने की परंपरा है.
हालांकि, नवरात्रि में हर दिन कन्याओं के पूजन की परंपरा है, लेकिन अष्टमी और नवमी को अवश्य ही पूजा की जाती है. 2 वर्ष से 11 वर्ष तक की कन्याओं की पूजा का विधान है. शहर में सुबह से ही भक्त कन्याओं को पूजने के लिए तलाशते रहे. जिस घर में कन्या पूजन हो रहा था, उसके बाहर कन्याओं को अपने घर पूजन के लिए ले जाने वालों की होड़ दिखाई दी. 9 दिन से नवरात्र का व्रत कर रही भक्तों ने अपने घर में नौ कन्याओं को नौ देवियों का प्रतिबिंब मान कर उनकी पूजा की.