बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में डेंगू के हालात पूरी तरीके से बेकाबू हो गए हैं. आलम यह है कि अस्पतालों में क्षमता से ज्यादा मरीज भरे जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेज का राजकीय अस्पताल की क्षमता 300 मरीजों की है. लेकिन वर्तमान में 400 से ज्यादा मरीजों भर्ती है. अस्पताल की गैलरी में अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं. लेकिन अब वे भी फुल हो गए है. अब मरीजों को आनन-फानन में कोरोना की दूसरी लहर के वक्त वेदांता ग्रुप की ओर से बनाए गए अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है.
अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले में किस तरीके से हालात बिगड़े हैं. पिछले दो-तीन दिन से एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज करने की खबरें आ रही थीं. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने फील्ड अस्पताल को फिर से शुरू करने का फैसला लिया.
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दूसरी लहर में बना अस्पताल आ रहा काम
फील्ड अस्पताल की इंचार्ज के मुताबिक अस्पताल में 100 बेड की कैपिसिटी है. इस अस्पताल को कोरोना की दूसरी लहर के वक्त बनाया गया था. लेकिन पिछले कुछ समय से कोविड का असर कम हो गया. ऐसे में अस्पताल को बंद कर दिया गया था लेकिन अब इसे फिर से खोल दिया गया है. जहां डेंगू के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है.
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अचानक मरीज क्यों बढ़ें ?
फील्ड अस्पताल के डॉक्टर अनिल सेठिया ने बताया कि पिछले कुछ समय से सर्दी, बुखार, खांसी के लक्षण के रोगी अचानक बढ़ गए हैं जिसके चलते भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है. अस्पताल फुल हो गया है. इसलिए अब नए मरीजों को फील्ड अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है ताकी बेहतर इलाज मिल सके.
पिछले 5 दिनों में 818 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहीं पिछले 84 दिनों में सरकारी लैब से 614 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. जबकि निजी लैब का आंकड़ा इससे कई गुना ज्यादा है जिसके चलते हालात पूरी तरीके से बेकाबू हो गए.