बाड़मेर. जिले के अंतिम सरहदी मुनाबाव को पंजाब के वाघा बॉर्डर की तर्ज पर पर्यटन स्थल बनाने की मांग के साथ मुख्यमंत्री से बजट देने की मांग को लेकर मंगलवार को सीमावर्ती जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिलाध्यक्ष सरपंच संघ के अध्यक्ष हिंदूसिंह तामलोर ने बताया कि हम सभी सरपंच मुख्यमंत्री से गुजरात सरकार की तरह नाड़ाबेट, कच्छ के रण में 'सीमा दर्शन' की तर्ज पर मुनाबाव में पर्यटक स्थल बनाने की मांग करते हैं. आगामी राज्य बजट में मुनाबाव पर्यटक स्थल के लिए बजट देने की मांग करते हैं. इस मुहिम में हम सभी ग्रामीण साथ हैं.
अभी बाड़मेर के अंतिम सरहदी मुनाबाव-गडरारोड तक बॉर्डर देखने के लिए सैकड़ों स्थानीय पर्यटक, प्रशासनिक अधिकारी पहुंच रहे हैं. साथ ही मुनाबाव के समीप ही इन दिनों रोहिड़ी के मखमली धोरे जैसलमेर के सम के धोरों की तरह विख्यात हो रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा निर्मित भारत माला सड़क मार्ग से गडरारोड, मुनाबाव, रोहिड़ी गांव भी जुड़ गए हैं, जिससे क्षेत्र में पर्यटन विकास की उम्मीद जगी है. गुजरात के कच्छ के रण व नाड़ाबेट पर्यटन स्थलों से मुनाबाव-सुंदरा-तनोट माता (जैसलमेर) तक 550 किमी लम्बा सड़क मार्ग बनकर तैयार है, जो बाड़मेर जिले में पर्यटन का द्वार खोल सकता हैं. इस मार्ग के बीच चौहटन का विरात्रा माता धाम, केराड़ू के मंदिर ,रेडाणा का रण, मुनाबाव भी जुड़ रहा है.