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कोरोना कहर के साथ-साथ रेगिस्तान में पानी को लेकर मचा हाहाकार...

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Published : Apr 22, 2020, 6:57 PM IST

कोरोना के बढ़ते संक्रमण से कोई भी देश अछूता नहीं है. इससे होने वाली लोगों की समस्याएं भी किसी से छिपी नहीं है. इसके चलते लोगों को खाने के लाले पड़े है. ऐसे में लोगों को पानी भी नहीं मिले तो लोगों का क्या होगा?, इसका अंदाजा आप लगा सकते है. कुछ ऐसा ही नजारा आजकल बाड़मेर जिला मुख्यालय से महज कुछ ही दूर स्थित गवारिया बस्ती में रह रहे सैकड़ों परिवार को लोगों के इस समस्या से काफी लंबे समय से जूझना पड़ रहा है. उन्हें अपनी मटकी भरने के लिए 2-4 रुपए भी देने पड़ते है. ऐसे में उनके पास ना तो खाने की व्यवस्था है और ना ही पानी की. ये सैकड़ों परिवार पानी की एक-एक बूंद के लिए मोहताज है.

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रेगिस्तान में पानी को लेकर मचा हाहाकार

बाड़मेर.जहां एक ओर कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से पूरे देश में हाहाकार मची है. इसके चलते देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है, जिससे गरीब और असहाय लोगों को खाने के लिए भोजन नहीं मिल पा रहा. ऐसे हालातों में अगर उन्हें पानी भी ना मिले और मिले भी तो उन्हें उसके लिए कीमत चुकानी पड़ी तो उनका क्या होगा? क्योंकि, ना तो उनके पास कोई रोजगार है और ना ही उनके इतने पैसे है कि वे अपना पेट भर सके. ऐसा ही एक गांव है, जो बाड़मेर जिला मुख्यालय से कुछ ही दूर स्थित गवारिया गांव की, जहां के लोगों की ऐसी ही हालत है.

रेगिस्तान में पानी को लेकर मचा हाहाकार

इस गांव के लोगों के पास पीने के पानी को लेकर भयंकर समस्या खड़ी हो गई है. दरअसल, बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार की ओर से लगातार अपील की जा रही है कि अपना हाथों को दिन में कई बार धोएं, वहीं इस गांव के लोगों के सैकड़ों परिवार को लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे है. बता दें कि पहले पानी की एक मटकी के लिए इन्हें 1 से 2 रुपए देने होते थे, लेकिन अब हालात इतने खराब हो गए है कि उन्हें अब 2 से 4 रुपए देने पड़ रहे है. क्योंकि, इस समय का तापमान 41 डिग्री के पार है और पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी यहां कई अधिकारी आ चुके है, लेकिन पानी की समस्या को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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लोगों का कहना है कि मोदी सरकार कोविड-19 से बचने के लिए लोगों से बार-बार हाथ धोने की अपील कर रही है, लेकिन यहां तो पीने को पानी भी नहीं है, उसके लिए भी भटकना पड़ता है. ना जाने कितने दिन हो गए स्नान किए हुए. आलम तो यह है कि सैकड़ों परिवार पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. वहीं, जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी को लेकर हमने पहले भी व्यवस्था की थी, शहर में सप्लाई पूरी तरह से हो रही है. वहां, आसपास के इलाकों में भी पानी की सप्लाई हो रही है, वहां पर भी पीने के पानी को लेकर आने वाले दिनों में व्यवस्था कर दी जाएगी, इसके लिए वे प्रयासरत है.

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