बाड़मेर.जहां एक ओर कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से पूरे देश में हाहाकार मची है. इसके चलते देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है, जिससे गरीब और असहाय लोगों को खाने के लिए भोजन नहीं मिल पा रहा. ऐसे हालातों में अगर उन्हें पानी भी ना मिले और मिले भी तो उन्हें उसके लिए कीमत चुकानी पड़ी तो उनका क्या होगा? क्योंकि, ना तो उनके पास कोई रोजगार है और ना ही उनके इतने पैसे है कि वे अपना पेट भर सके. ऐसा ही एक गांव है, जो बाड़मेर जिला मुख्यालय से कुछ ही दूर स्थित गवारिया गांव की, जहां के लोगों की ऐसी ही हालत है.
इस गांव के लोगों के पास पीने के पानी को लेकर भयंकर समस्या खड़ी हो गई है. दरअसल, बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार की ओर से लगातार अपील की जा रही है कि अपना हाथों को दिन में कई बार धोएं, वहीं इस गांव के लोगों के सैकड़ों परिवार को लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे है. बता दें कि पहले पानी की एक मटकी के लिए इन्हें 1 से 2 रुपए देने होते थे, लेकिन अब हालात इतने खराब हो गए है कि उन्हें अब 2 से 4 रुपए देने पड़ रहे है. क्योंकि, इस समय का तापमान 41 डिग्री के पार है और पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी यहां कई अधिकारी आ चुके है, लेकिन पानी की समस्या को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.